नई दिल्ली। सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का संचालन करने वाले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने यह स्पष्ट किया है कि यदि किसी कर्मचारी की दो सेवाओं की अवधि आपस में कुछ समय के लिए ओवरलैप करती है, तो यह उसके भविष्य निधि (पीएफ) ट्रांसफर दावे को खारिज करने का कारण नहीं बन सकता। EPFO News
20 मई 2025 को जारी परिपत्र में ईपीएफओ ने बताया कि कई क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा केवल सेवा अवधि में ओवरलैप को आधार बनाकर पीएफ ट्रांसफर दावे अस्वीकार किए जा रहे हैं, जो कि उचित नहीं है। संगठन ने कहा है कि ओवरलैपिंग सेवाएं वास्तविक कारणों, जैसे जॉइनिंग या रिलीविंग की तारीखों में तकनीकी त्रुटियों, या एक साथ दो संस्थानों में कार्यकाल जैसे कारणों से हो सकती हैं। अतः ऐसी स्थिति में दावा खारिज नहीं किया जाना चाहिए।
जब किसी कर्मचारी की एक संस्था से कार्यमुक्ति की तिथि और दूसरी संस्था में कार्यग्रहण की तिथि एक-दूसरे से मेल खा जाएं या कुछ समय तक एकसाथ दिखें, तो उसे ओवरलैपिंग सेवा कहा जाता है। यह गलती जानबूझकर नहीं, बल्कि प्रायः प्रबंधकीय या दस्तावेज़ीय भूलों के कारण होती है।
अब दावे होंगे सरलता से स्वीकृत | EPFO News
ईपीएफओ ने निर्देश दिया है कि ओवरलैपिंग सेवा अवधि के कारण कोई दावा अस्वीकार नहीं किया जाए। यदि ओवरलैपिंग को लेकर संदेह हो तो केवल आवश्यक स्पष्टीकरण प्राप्त करके ही दावे का निपटारा किया जाए। दावेदार को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाए। इसके अतिरिक्त, ट्रांसफर प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ईपीएफओ ने कई अन्य उपाय भी शुरू किए हैं। अब कर्मचारियों को दावा करते समय चेक बुक की प्रति या बैंक से सत्यापित पासबुक जमा करने की आवश्यकता नहीं होगी। निकासी प्रक्रिया को भी डिजिटल रूप दिया जा रहा है, जिससे कर्मचारी अपने दावों को ऑनलाइन और सुगमता से दर्ज कर सकें। EPFO News