Pension News: नई पेंशन योजना को लेकर वित्तमंत्री सीतारमण ने दिया बड़ा बयान

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Pension News: नई पेंशन योजना को लेकर वित्तमंत्री सीतारमण ने दिया बड़ा बयान

Pension News: नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वृद्ध आबादी की आत्मनिर्भरता के लिए पेंशन योजना को जन आंदोलन बनाये जाने का आह्वान करते हुए कहा कि भारतीय जीवन बीमा निगम की ‘बीमा सखी’ योजना की तरह पेंशन सखी योजना शुरू कर इस अभियान में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का सुझाव दिया। श्रीमती सीतारमण ने नयी पेंशन योजना (एनपीएस) दिवस पर राजधानी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि लोगों को इस सोच के साथ पेंशन योजना नहीं चुननी चाहिए कि बुढ़ापे में संतान साथ नहीं देंगी, बल्कि यह फैसला आत्मनिर्भरता के भाव से होना चाहिए। ‘वृद्धावस्था में सामाजिक सुरक्षा, समावेशी पेंशन एवं नवाचारी समाधान’ विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री ने कहा कि बीमा कंपनियों से स्वरोजगार में लगे व्यक्तियों और गिग श्रमिकों के लिए पेंशन सुविधा का विस्तार करने और इसके लिए ईकेवाईसी अपनाने, महिलाओं की पेंशन सुरक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मातृका अवकाश के समय सूक्ष्म प्रीमियम के आॅटो डेविट सुविधा दिये जाने, स्कूलों में वित्तीय साक्षरता को प्रोत्साहित करने, बीमा की लागत कम करने और सेवा का स्तर सुधारने को कहा। वित्त मंत्री ने कहा कि बीमा उद्योग के मानवीय फल इसके वित्तीय लाभ से काफी बड़े हैं।

उन्होंने कहा कि एनपीएस की शुरूआत इसलिए की गयी कि पेंशन केवल सरकारी क्षेत्र का एकाधिकार न रहे और इसका लाभ गैर सरकारी क्षेत्रों और स्वरोजगार करने वालों को भी मिले। उन्होंने कहा कि एनपीएस के अंतर्गत आने वाली योजनाओं ने आकर्षक प्रतिफल दिया है। इसकी शुरूआत से अब तक औसत वार्षिक प्रतिफल इक्विटी योजना 13 प्रतिशत वार्षिक सेअधिक रहा है, जबकि कॉपोर्रेट ऋण योजना और सरकारी प्रतिभूति योजना में प्रतिफल लगभग नौ प्रतिशत चल रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट 2025-26 में, यह घोषणा की गई थी कि ‘पेंशन उत्पादों के नियामक समन्वय और विकास के लिए एक मंच स्थापित किया जाएगा’। तदनुसार, अगस्त 2025 में, हमने ‘पेंशन उत्पादों के नियामक समन्वय और विकास के लिए मंच’ की स्थापना की है। यह पीएफआरडीए, ईपीएफओ, आईआरडीएआई, सेबी और संबंधित मंत्रालयों को एक साथ लाता है।

इस मंच का मुख्य उद्देश्य एक समान नियामक और पर्यवेक्षी ढांचा विकसित करना, पेंशन उत्पादों में निवेश मानक विकसित करना, उपभोक्ता संरक्षण, शिकायत निवारण को मजबूत करना और प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों का सुदृढ़ प्रणालीगत जोखिम प्रबंधन सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा, इसका व्यापक उद्देश्य है,निवेश और प्रकटीकरण मानकों में सामंजस्य स्थापित करना, पेंशन उत्पादों में पोर्टेबिलिटी सक्षम करना, उपभोक्ता संरक्षण और शिकायत निवारण को मजबूत करना, एयूएम (प्रबंधित परिसंपत्ति) में प्रणालीगत जोखिम का प्रबंधन करना, उत्पाद विकास और पेंशन जागरूकता को बढ़ावा देना, हितधारकों के साथ परामर्श जारी है; इसका उद्देश्य स्पष्ट नियमों और निर्बाध सेवा के साथ एक पूवार्नुमानित, नागरिक-केंद्रित पेंशन बाजार बनाना है।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि एनपीएस खाता निर्बाध गतिशीलता प्रदान करता है, जो पूरे करियर में निर्बाध रूप से आगे बढ़ता रहता है। चाहे नौकरी में बदलाव हो, किसी नए शहर में स्थानांतरण हो, या कॉपोर्रेट भूमिका से स्व-रोजगार में परिवर्तन हो, पेंशन खाता वही रहता है। एनपीएस में प्रवेश की सीमा बहुत कम है। एनपीएस खाता केवल 1,000 रुपये के वार्षिक योगदान के साथ सक्रिय रहता है। साथ ही, हर महीने योगदान करना आवश्यक नहीं है, जिससे लचीलापन मिलता है।

वित्त मंत्री ने कहा कि 2024 में, प्रत्यक्ष प्रेषण (डी-रेमिट) सुविधा को बढ़ाया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एनपीएस ग्राहकों को उनके निवेशों का उसी दिन शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य (एनएवी) प्राप्त हो। इससे बढ़ते बाजार में प्रसंस्करण में देरी के कारण संभावित लाभ से वंचित होने का जोखिम समाप्त हो जाता है। तत्कालीन एनडीए सरकार द्वारा 2004 में एनपीएस की शुरूआत ने परिभाषित-लाभ (डीबी) से एक स्थायी परिभाषित-योगदान (डीसी) पेंशन ढांचे में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि एनपीएस ने सेवानिवृत्ति योजना को सरकारी क्षेत्र के विशेषाधिकार से वित्तीय सुरक्षा के एक सार्वभौमिक साधन में बदल दिया। 2004 में शुरू में सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध, एनपीएस को धीरे-धीरे पूरे निजी क्षेत्र और सभी नागरिकों तक विस्तारित किया गया है। एनपीएस दुनिया की सबसे कम लागत वाली पेंशन फंड प्रबंधन योजनाओं में से एक है। कम लागत का मतलब है कि अधिक पैसा निवेशित रहता है और बढ़ता है। कार्यक्रम के दौरान भारतीय स्टेट बैंक, जीवन बीमा निगम, एचडीएफसी, कोटक महिंद्रा और टाटा जैसे पेंशन फंडों ने नयी पेंशन योजनाओं की घोषणा की जो एनपीएस के तहत पेंशन धारकों को पेंशन के नये विकल्प प्रस्तुत करेंगी। वित्त मंत्री ने इस अवसर पर कई फार्मर प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन (एफपीओ को सम्मानित किया जो पेंशन के एजेंट के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में एनपीएस का विस्तार में लगे हुए हैं और उल्लेखनीय काम किया है।