भारत में गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल, एचपीबी कैंसर के तेजी से बढ़ते मामले

Thiruvananthapuram
Thiruvananthapuram भारत में गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल, एचपीबी कैंसर के तेजी से बढ़ते मामले

तिरुवनंतपुरम (एजेंसी)। केरल स्थित टाटा मेमोरियल अस्पताल के उप निदेशक डॉ. शैलेश वी. श्रीखंडे ने कहा कि भारत में गैस्ट्रो इंटेस्टाइनल और एचपीबी (हेपेटो पैंक्रियाटो बाइलरी) कैंसर बेहद तेजी से बढ़ हे हैं, जो चिंताजनक है। उन्होंने शिखर सम्मेलन में बोलते हुए कहा, ”इनमें से कई मामलों में सर्जरी ही उपचार का सबसे निश्चित तरीका है। ‘एचपीबी और जीआई कैंसर सर्जरी समिट-2025’ सर्जिकल सटीकता, आॅन्कोलॉजिकल सुरक्षा और कौशल तथा नवाचार के साथ बढ़ते बोझ को संभालने के लिए विशेषज्ञों की अगली पीढ़ी को तैयार करने पर केंद्रित है।”

गुरुग्राम के मेदांता मेडिसिटी के जीआई सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. आदर्श चौधरी ने कहा, ”अपर जीआई कैंसर आॅन्कोलॉजिकल सर्जरी में सबसे कठिन चुनौतियों में से एक है। इस तरह की वैज्ञानिक बैठकें हमारे दृष्टिकोण को परिष्कृत करने और रोगियों के लिए सर्वोत्तम संभव परिणाम सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं।”

सेनाधिपन एजुकेशन फाउंडेशन की ओर से आयोजित शिखर सम्मेलन 2025, फाउंडेशन का पहला अंतरराष्ट्रीय भौतिक सम्मेलन है जिसमें भारत और विदेशों से 400 से अधिक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल और एचपीबी सर्जरी पेशेवर भाग ले रहे हैं। यात्रा में चुनौतियों के बावजूद, देश-विदेश के प्रमुख चिकित्सकों की भागीदारी ने कैंसर उपचार को आगे बढ़ाने की वैश्विक प्रतिबद्धता को दशार्या।

आयोजन सचिव डॉ. बैजू सेनाधिपन ने कहा, ”यह शिखर सम्मेलन एक गंभीर शैक्षणिक मंच के निर्माण में एक दशक के काम को दशार्ता है।” प्रमुख सर्जन ऊपरी जीआई और एचपीबी कैंसर में प्रमुख चिंताओं पर चर्चा का नेतृत्व कर रहे हैं। विषयों में सर्जिकल परिणामों में पुनर्वास की भूमिका, रिसेक्शन रणनीतियों में प्रगति और एसोफैजियल और गैस्ट्रिक कैंसर में जटिलताओं का प्रबंधन शामिल है। अकादमिक समिति ने एक ऐसा कार्यक्रम तैयार किया है जो वैज्ञानिक गहराई को नैदानिक प्रासंगिकता के साथ संतुलित करता है। जापान के प्रो. त्सुयोशी एटोह और इटली के प्रो. गुइडो टॉर्ज़िली जैसे वैश्विक विशेषज्ञ वर्चुअल सेशनों के माध्यम से योगदान दे रहे हैं।