गाजियाबाद (सच कहूँ/रविंद्र सिंह)। गाजियाबाद प्राधिकरण (जीडीए) की 169 वीं बोर्ड बैठक मंगलवार को डॉ. हृषिकेश भास्कर यशोद, आयुक्त, मेरठ मण्डल, मेरठ एवं अध्यक्ष, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की अध्यक्षता में आयुक्त, मेरठ मण्डल के सभागार में संपन्न हुई। यह जानकारी प्राधिकरण के अपर सचिव प्रदीप कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि बैठक में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। प्रमुख रूप से अतुल वत्स, उपाध्यक्ष, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, जिलाधिकारी हापुड़ के प्रतिनिधि संदीप कुमार, एडीएम (एफआर) ,जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर के प्रतिनिधि एडीएम (एलए), नगर निगम गाजियाबाद के मुख्य अभियंता एनके चौधरी, उत्तर प्रदेश जल निगम के प्रबंध निदेशक, प्रमुख नगर एवं ग्राम नियोजक उत्तर प्रदेश एवं चीफ कोऑर्डिनेटर प्लानर एनसीआर सेल कृष्ण मोहन सहित अन्य कई महत्वपूर्ण अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में कुल 23 प्रस्ताव प्राधिकरण बोर्ड के समक्ष रखे गए, जिनमें विभिन्न विकास कार्यों एवं योजनाओं पर चर्चा की गई। सभी प्रस्तावों की विस्तृत समीक्षा के बाद आवश्यक निर्णय लिए गए।
इस बैठक में कई प्रमुख योजनाओं की मंजूरी दी गई, जो गाजियाबाद जिले के नागरिकों के लिए विकास की नई दिशा खोल सकती हैं। प्राधिकरण बोर्ड ने इस बैठक में भविष्य के विकास कार्यों को प्राथमिकता देते हुए हरनंदी पुरम योजना ,पहल ,आदि कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर अपनी सहमति दी है । इस दौरान जीडीए बोर्ड के सदस्य पवन गोयल ने हरनंदी पुरम योजना में पत्रकारपुरम के नाम से पत्रकारों के लिए एक सेक्टर बनाने का प्रस्ताव रखा। जिस पर बोर्ड ने विचार करने के लिए सहमति दी। बैठक में उपस्थित अन्य सदस्य भी अपने-अपने विभागों के तहत कार्यों की प्रगति पर चर्चा करते हुए आवश्यक सुझाव प्रदान किए।
मास्टर प्लान- 2031 के ये है मुख्य मुख्य बिंदु
गाजियाबाद मास्टर प्लान 2031 को जीडीए बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। यह योजना गाजियाबाद, लोनी और मोदीनगर,मुरादनगर क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए तैयार की गई है, जो 33,543.1 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है। इसमें आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक, परिवहन, मनोरंजन, और हरित क्षेत्र जैसे विभिन्न उपयोगों के लिए भूमि आवंटित की गई है। मास्टर प्लान 2031 के ये मुख्य मुख्य बिंदु है जिनमें ,आवासीय क्षेत्र: लगभग 39.8 फीसदी (12,873 हेक्टेयर) भूमि आवासीय उपयोग के लिए आरक्षित की गई है, जिससे अनुमानित 48 लाख की जनसंख्या के लिए पर्याप्त आवास उपलब्ध होंगे। वाणिज्यिक उपयोग: लगभग 2.2 फीसदी (702 हेक्टेयर) भूमि वाणिज्यिक उपयोग के लिए निर्धारित की गई है, जिससे आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।
औद्योगिक क्षेत्र: लगभग 10.68 फीसदी (3,450 हेक्टेयर) भूमि औद्योगिक उपयोग के लिए आरक्षित की गई है, जिसमें 1,100 हेक्टेयर भूमि विशेष रूप से औद्योगिक विस्तार के लिए चिन्हित की गई है। परिवहन और टीओडी क्षेत्र: रैपिड रेल और मेट्रो कॉरिडोर के आसपास ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) जोन विकसित किए जाएंगे, जिसमें रैपिड रेल के लिए 1.5 किमी लंबा और मेट्रो के लिए 500 मीटर क्षेत्र शामिल है। विशेष विकास क्षेत्र (एसडीए ): दुहाई आरआरटीएस डिपो के पास 909.82 हेक्टेयर क्षेत्र को विशेष विकास क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है। लॉजिस्टिक हब: डासना और लोनी के फतेहाबाद निडोरा में 100 एकड़ भूमि लॉजिस्टिक हब के लिए आवंटित की गई है। मिश्रित भूमि उपयोग (ऍफ़ एआर – 5): टीओडी जोन के आसपास मिश्रित भूमि उपयोग की अनुमति होगी, जिसमें फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) 5 तक होगी, जिससे आवासीय और वाणिज्यिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।