प्रकाश चौक से गौरीशंकर मंदिर रोड पर बनाई जा रही है अवैध कालोनियां, नगर निगम व टीसीपी विभाग नींद मे

Chhachhrauli News
Chhachhrauli News: प्रकाश चौक से गौरीशंकर मंदिर रोड पर बनाई जा रही है अवैध कालोनियां, नगर निगम व टीसीपी विभाग नींद मे

सैकड़ों कालोनियां रेगुलर हो जाने के बावजूद अवैध कालोनियों पर कोई लगाम नहीं लग पा रही

छछरौली (सच कहूँ/राजेंद्र कुमार)। Chhachhrauli News: यमुनानगर-जगाधरी म्यूनिसिपल लिमिट,अर्बन एरिया समेत कट्रोल्ड एरिया में बड़ी संख्या में अवैध कालोनियां काटी जा रही है। जहां पर कर्मिशयल, इंडस्ट्रियल व रेजिडेंशियल प्लाट काट कर बेचे जा रहे हैं। नगर निगम व टीसीपी विभाग को पूरी जानकारी होने के बावजूद न इनको रोका जा रहा है न ही कोई कार्रवाई की जा रही है। इन विभागों द्वारा जानबूझकर लापरवाही बरते जाने पर सरकार ने स्टेट एनफोर्समेंट ब्यूरो को इन पर लगाम लगाने के लिए पावर्स दी है। तब भी कोई फर्क नहीं पड़ता दिख रहा है। न केवल करोड़ों के रेवेन्यू का लास हो रहा है बल्कि डेवलपमेंट प्लान के भी कोई मायने नहीं रह गए है। वहीं इस बारे में एनफोर्समेंट ब्यूरो के यमुनानगर प्रभारी का कहना है जो भी मामले सामने आ रहे है उन पर तुरंत कार्रवाई हो रही है, यह मैटर भी उनकी जानकारी में आ गया है। Chhachhrauli News

यमुनानगर-जगाधरी एमसी एरिया, अर्बन एरिया के अलावा कंट्रोल्ड एरिया में बड़ी संख्या में अवैध कालोनियों को रेगुलर किया था, ताकि वहां पर रहने वाले लोगों को सभी सुविधांए मिलें इसके साथ ही वहां पर बिना किसी विभागीय कार्रवाई के डर के लोग रह सकें। सरकार ने इसके अलावा दीनदयाल आवास योजना में रेंजिडेंशियल कालोनियों को बसाने के लिए लाइसेंस लेने का प्रावधान भी किया गया है। मगर इसके बावजूद अवैध रुप से रेजिडेंशियल के अलावा कर्मिशयल व इंडस्ट्रियल कालोनियां काटी जा रही है। जिससे कई करोड़ का रेवेन्यू लास हो रहा है। नगर निगम तो वैसे भी कहीं पर डिमोलेशन की कार्रवाई करता नजर नहीं आता। वहीं टीसीपी विभाग भी पिछले डेढ़-दो वर्ष से मात्र दिखावे की कार्रवाई कर रहा है, यानी मौके पर एक दो बार जाकर कच्ची सड़कों को या एकाध बाउड्री वाल को गिरा कर टारगेट अचीव किया जा रहा है। जिन कालोनियों पर कार्रवाई की जाती है वहां पर बिना किसी रुकावट के सेल डीड हो जाती है ओर कालोनियों के प्लाट बिक जाते हैं। Chhachhrauli News

रेंजिडेंशियल एरिया में प्रति एकड़ लाइसेंस फीस जहां 35 से 40 लाख है तो वहीं कर्मिशयल कालोनी काटने के लिए यह लाइसेंस फीस करोड़ों रुपये में चली जाती है, यानी यहां पर बिना कुछ सरकार को दिए करोड़ों के वारे न्यारे किए जा रहे है इस बारे में न तो नगर निगम कार्रवाई कर रहा है न ही टाऊन कंट्री प्लानिंग विभाग। डीटीपी राजेश का कहना है कि वह पता कर लेते हैं कि नोटिस दिया है या नहीं। अगर नहीं दिया तो चेक करवा लेते है। उसके बाद जो भी कार्रवाई बनेगी वह की जाएगी।

वहीं इस बारे में स्टेट एनफोर्समेंट ब्यूरो के यमुनानगर प्रभारी रोहताश ने बताया कि जहां कहीं भी अवैध कालोनी का मामला सामने आता है उसकी रिपोर्ट बनाकर विभाग को भेज दी जाती है। उसके बाद एफआईआर की जाती है। यह मामला भी उनकी जानकारी में आया है इस पर भी कार्रवाई की।

यह भी पढ़ें:– भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व अपर नगर आयुक्त समेत चार पर एफआईआर दर्ज