Health News: गर्मी में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और अस्थमा मरीजों के लिए जरूरी उपाय

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Health News: गर्मी में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और अस्थमा मरीजों के लिए जरूरी उपाय

Health News: गर्मी का मौसम अपने साथ तेज धूप, उच्च तापमान और नमी लेकर आता है, जो शरीर पर कई तरह के प्रभाव डालता है। सामान्य लोगों में भी गर्मी के कारण थकान, प्यास, और कमजोरी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं, लेकिन हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या अस्थमा जैसी पुरानी बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए यह मौसम विशेष चुनौतियां पेश करता है। बढ़ता तापमान और डिहाइड्रेशन इन बीमारियों के लक्षणों को और गंभीर बना सकते हैं, जिसके कारण दवाओं में बदलाव या अतिरिक्त सावधानियों की जरूरत पड़ सकती है।

गर्मी का शरीर पर प्रभाव | Health News

गर्मी में तापमान बढ़ने से शरीर का तापमान नियंत्रण तंत्र अतिरिक्त मेहनत करता है। पसीने के माध्यम से शरीर खुद को ठंडा रखने की कोशिश करता है, लेकिन इस प्रक्रिया में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स (जैसे सोडियम, पोटेशियम) की कमी हो सकती है। इससे रक्तचाप, ब्लड शुगर, श्वसन तंत्र और मांसपेशियों पर असर पड़ता है। पुरानी बीमारियों वाले लोगों में ये बदलाव अधिक गंभीर हो सकते हैं, क्योंकि उनका शरीर पहले से ही तनावग्रस्त होता है। आइए, अब विभिन्न बीमारियों पर गर्मी के प्रभाव और उनसे बचाव के उपायों को विस्तार से देखें।

1. हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए गर्मी की चुनौतियां

उच्च तापमान के कारण शरीर रक्त वाहिकाओं को फैलाकर (वैसोडाइलेशन) खुद को ठंडा रखने की कोशिश करता है, जिससे ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। लेकिन डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी के कारण कभी-कभी ब्लड प्रेशर बढ़ भी सकता है। गर्मी में हाई बीपी के मरीजों को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:

मुख्य समस्याएं

लो ब्लड प्रेशर (हाइपोटेंशन): पसीने से पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होने पर रक्तचाप कम हो सकता है। इससे चक्कर आना, थकान, सिर घूमना या बेहोशी जैसी शिकायतें हो सकती हैं। यह खासकर उन मरीजों में आम है जो डाइयूरेटिक्स (मूत्रवर्धक दवाएं) लेते हैं। Health News

हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन): डिहाइड्रेशन के कारण रक्त गाढ़ा हो सकता है, जिससे हृदय को रक्त पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे सिरदर्द, सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।

दवाओं का असर बदलना: गर्मी में कुछ बीपी की दवाएं शरीर के तापमान नियंत्रण को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।

बचाव के उपाय:

ब्लड प्रेशर की नियमित जांच करें और किसी भी असामान्य बदलाव पर डॉक्टर से संपर्क करें।
दवाओं की खुराक में कोई बदलाव बिना चिकित्सक की सलाह के न करें।
गर्मी में बाहर निकलते समय छाता, टोपी, और हल्के कपड़ों का उपयोग करें।
डिहाइड्रेशन से बचने के लिए नियमित अंतराल पर पानी पिएं।

2. डायबिटीज के मरीजों के लिए गर्मी की चुनौतियां | Health News

गर्मी में शरीर का मेटाबॉलिज्म और इंसुलिन संवेदनशीलता प्रभावित हो सकती है। उच्च तापमान और डिहाइड्रेशन ब्लड शुगर के स्तर को असंतुलित कर सकते हैं। इसमें ध्यान रखें कि जो मरीज इंसुलिन पर हैं, वे डॉक्टर की सलाह अनुसार ही चलें। डायबिटीज के मरीजों को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है:

मुख्य समस्याएं:

लो ब्लड शुगर: डिहाइड्रेशन और गर्मी के कारण ब्लड शुगर अचानक गिर सकता है। इसके लक्षणों में कमजोरी, चक्कर, पसीना शामिल हैं। यह खासकर उन मरीजों में आम है जो इंसुलिन (जो मरीज केवल इंसुलिन पर हैं) या सल्फोनिलयूरिया जैसी दवाएं लेते हैं।

हाई ब्लड शुगर: पानी की कमी और इलेक्ट्रोलाइट्स का असंतुलन ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है। इससे प्यास, बार-बार पेशाब, और थकान जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

इंसुलिन स्टोरेज की समस्या: गर्मी में इंसुलिन (जो मरीज केवल इंसुलिन पर हैं) खराब हो सकता है, जिससे इसकी प्रभावशीलता कम हो सकती है। Health News

बचाव के उपाय:

ब्लड शुगर की निगरानी: रोजाना अपने ग्लूकोज लेवल की जांच करें, खासकर गर्मी में बाहर जाने से पहले और बाद में।
इंसुलिन का सही स्टोरेज: इंसुलिन (जो मरीज केवल इंसुलिन पर हैं) को 2-8 डिग्री सेल्सियस पर फ्रिज में रखें। बाहर ले जाते समय कूल बैग का उपयोग करें।

हाइड्रेशन: पानी के अलावा नारियल पानी, बिना चीनी का नींबू पानी या ओआरएस लें। मीठे पेय से बचें।
आहार: कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ (जैसे साबुत अनाज, हरी सब्जियां) खाएं और भारी भोजन से बचें।

3. अस्थमा के मरीजों के लिए गर्मी की चुनौतियां

गर्मी के साथ नमी और वायु प्रदूषण बढ़ जाता है, जो अस्थमा के मरीजों के लिए सांस की तकलीफ को बढ़ा सकता है। गर्मी में अस्थमा से संबंधित निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:

मुख्य समस्याएं:
ब्रोंकोकॉन्स्ट्रिक्शन: गर्म और नम हवा के कारण श्वसन नलियां सिकुड़ सकती हैं, जिससे सांस फूलना, खांसी, और सीने में जकड़न हो सकती है।

एलर्जी ट्रिगर्स: गर्मी में धूल और मोल्ड जैसे एलर्जन्स बढ़ जाते हैं, जो अस्थमा अटैक को ट्रिगर कर सकते हैं।
हीट-इंड्यूस्ड रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस: तेज गर्मी में सांस लेने की गति बढ़ सकती है, जिससे दम घुटने जैसा अहसास हो सकता है। Health News

इनहेलर की कमी: गर्मी में इनहेलर को गलत तरीके से स्टोर करने पर इसकी दवा खराब हो सकती है।

बचाव के उपाय

घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और खिड़कियां बंद रखें ताकि धूल और परागकण अंदर न आएं। इनहेलर को ठंडी और सूखी जगह पर रखें। गर्म कार या धूप में इसे न छोड़ें। अगर सांस लेने में दिक्कत हो, तो तुरंत इनहेलर का उपयोग करें और डॉक्टर से संपर्क करें। घर में डीह्यूमिडिफायर का उपयोग करें ताकि नमी का स्तर नियंत्रित रहे।
                                                              -डॉ. गौरव इन्सां, शाह सतनाम जी स्पैशलिटी अस्पताल, सरसा

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