India’s increases nuclear power: नई दिल्ली। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च संस्थान (SIPRI) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने परमाणु हथियारों के क्षेत्र में पाकिस्तान पर अपनी रणनीतिक बढ़त बनाए रखी है। वर्ष 2024 में भारत के पास लगभग 172 परमाणु वारहेड थे, जिनकी संख्या बढ़कर 2025 में लगभग 180 हो गई है। इसके साथ ही, भारत ने अपनी परमाणु हथियार ले जाने वाली प्रणालियों में भी उल्लेखनीय प्रगति की है। SIPRI Report
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की नई ‘कैनिस्टरयुक्त’ मिसाइलें, जिनमें पहले से ही वारहेड स्थापित किया जा सकता है, शांतिकाल में भी इन्हें अधिक सुरक्षित तरीके से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सकता है। ऐसी प्रणालियाँ भविष्य में एक ही मिसाइल से कई लक्ष्यों पर वार करने (MIRV तकनीक) में भी सक्षम हो सकती हैं। SIPRI का आकलन है कि भारत लगातार न केवल अपने परमाणु शस्त्रागार का विस्तार कर रहा है, बल्कि नई तकनीकों और लॉन्च प्लेटफॉर्मों का भी विकास कर रहा है।
अग्नि-पी और अग्नि-5 की विशेषताएँ | SIPRI Report
भारत की नई पीढ़ी की मिसाइल प्रणालियों में अग्नि प्राइम (अग्नि-पी) और MIRV-युक्त अग्नि-5 मिसाइल प्रमुख हैं।
अग्नि-पी, 1,000 से 2,000 किलोमीटर की दूरी तक वार करने में सक्षम एक कैनिस्टरयुक्त मिसाइल है।
वहीं, अग्नि-5 लगभग 5,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तक निशाना साध सकती है और इसमें एक साथ कई वारहेड ले जाने की क्षमता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “मिशन दिव्यास्त्र” की सफलता पर वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए इसे भारत की रक्षा क्षमता में महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया था।
पाकिस्तान की स्थिति और क्षेत्रीय चिंता | SIPRI Report
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान भी अपने परमाणु शस्त्रागार के विस्तार की दिशा में अग्रसर है और उसने 2024 में विखंडनीय सामग्री का अधिक संग्रह किया है। इससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान आने वाले वर्षों में अपनी परमाणु क्षमताओं को और बढ़ाने की योजना बना रहा है। SIPRI ने 2025 की शुरुआत में भारत-पाकिस्तान के बीच हुई सैन्य झड़प का उल्लेख करते हुए चेतावनी दी है कि ऐसे पारंपरिक टकराव किसी भी समय परमाणु संकट में बदल सकते हैं।
उन देशों के लिए चेतावनी, जो अपनी सुरक्षा परमाणु हथियारों पर आधारित कर रहे हैं
परमाणु नीति विशेषज्ञ मैट कोर्डा ने कहा कि “परमाणु बुनियादी ढांचे पर संभावित हमलों और गलत सूचनाओं का प्रसार, सामान्य संघर्ष को एक बड़े संकट में बदल सकता है। यह उन देशों के लिए चेतावनी है जो अपनी सुरक्षा परमाणु हथियारों पर आधारित कर रहे हैं।” SIPRI के अनुसार, दुनिया के सभी नौ परमाणु-संपन्न देश — अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इज़राइल — अपने परमाणु कार्यक्रमों के आधुनिकीकरण में निरंतर निवेश कर रहे हैं।
जनवरी 2025 तक वैश्विक परमाणु हथियारों की कुल अनुमानित संख्या 12,241 थी, जिनमें से लगभग 9,614 हथियार सैन्य उपयोग के लिए तैयार भंडार में रखे गए थे। इनमें से करीब 3,912 हथियार मिसाइलों या विमानों पर तैनात थे, और लगभग 2,100 हथियार उच्च परिचालन अलर्ट पर थे, जिनमें सबसे अधिक अमेरिका और रूस के पास थे। SIPRI ने यह भी उल्लेख किया है कि चीन अब शांतिकाल में भी अपनी कुछ मिसाइलों पर वारहेड तैनात कर सकता है। SIPRI Report
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