Uttarakhand Landslide: रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड)। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राजमार्ग पर एक दर्दनाक दुर्घटना में तीर्थयात्रियों को ले जा रहा वाहन भूस्खलन की चपेट में आ गया, जिससे चालक सहित दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गई और चार अन्य घायल हो गए। यह हादसा शुक्रवार सायंकाल रुद्रप्रयाग से लगभग 30 किलोमीटर दूर काकरागाड़ नामक स्थान पर घटित हुआ, जब केदारनाथ की ओर जा रहे वाहन पर अचानक पहाड़ी से विशाल शिलाखंड आ गिरा। वाहन में सवार सभी यात्री छत्तीसगढ़ राज्य के निवासी थे। Uttarakhand News
जिला प्रशासन द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, वाहन में कुल छह व्यक्ति सवार थे, जिनमें चालक राजेश रावत (38 वर्ष) की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई। अन्य यात्री शैलेन्द्र कुमार को गंभीर स्थिति में अस्पताल ले जाया गया, किंतु उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। चार घायल यात्रियों—लक्ष्मण सिंह (24), ओमकार सिंह (24), विपेश यादव (19) तथा चित्रांश साहू—का इलाज अगस्त्यमुनि स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी श्री नंदन सिंह राजवार ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि जैसे ही घटना की सूचना प्राप्त हुई, पुलिस एवं जिला आपदा प्रतिक्रिया बल (डीडीआरएफ) की टीमें तत्क्षण घटनास्थल पर पहुंच गईं और राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ कर दिया गया। इस हादसे ने एक बार पुनः यह सिद्ध कर दिया है कि उत्तराखंड की पर्वतीय सड़कों पर विशेषकर वर्षा ऋतु और तीर्थयात्रा काल में यात्रा करना जोखिमपूर्ण हो सकता है। प्रशासन ने तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों से मौसम पूर्वानुमान एवं सड़क की स्थिति से संबंधित अद्यतन जानकारियों पर सतत दृष्टि बनाए रखने तथा यात्रा के दौरान अत्यंत सावधानी बरतने की अपील की है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने किया कार्यशाला का शुभारंभ | Uttarakhand News
इसी बीच देहरादून में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एक कार्यशाला आयोजित की गई, जिसका शुभारंभ माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने किया। इस अवसर पर उन्होंने मानसून-2025 के मद्देनज़र आपदा प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में प्रत्येक वर्ष वर्षा ऋतु के दौरान भूस्खलन, हिमस्खलन तथा अतिवृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण गंभीर क्षति होती है, अतः सभी संबंधित विभागों को अग्रिम तैयारियां सुनिश्चित करनी होंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की सभी आपदा प्रबंधन इकाइयों ने मॉक ड्रिल पूर्ण कर ली है और अब शासन एवं प्रशासन की समन्वित टीमें आगामी मानसून के पूर्व समस्त आवश्यक उपायों को अंतिम रूप दे रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्राकृतिक आपदाओं को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, परंतु उनकी तीव्रता एवं प्रभाव को उपयुक्त रणनीति से कम अवश्य किया जा सकता है। इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु यह कार्यशाला आयोजित की गई। Uttarakhand News
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