Mock Drill Today: नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में शनिवार को भारत-पाकिस्तान सीमा से लगे कई राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में ‘ऑपरेशन शील्ड’ के अंतर्गत नागरिक सुरक्षा अभ्यास (Civil defense mock drill) का आयोजन किया जाएगा। यह अभ्यास शनिवार सायं 5 बजे आरंभ होगा और इसे पंजाब, राजस्थान, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा तथा चंडीगढ़ के उन क्षेत्रों में आयोजित किया जाएगा जो सीमा के निकट होने के कारण अधिक संवेदनशील माने जाते हैं। अभ्यास का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में बाहरी खतरों के प्रति नागरिकों, सुरक्षा बलों एवं प्रशासनिक एजेंसियों की समन्वित प्रतिक्रिया क्षमता को परखना है। Mock Drill
इससे पूर्व यह अभ्यास 29 मई को प्रस्तावित था, परंतु प्रशासनिक कारणों से इसे पुनः निर्धारित कर 1 जून को संपन्न किया जा रहा है। प्रशासन के अनुसार यह मॉक ड्रिल संकट की स्थिति में नागरिकों और सुरक्षा तंत्र के बीच तालमेल को परखने तथा आपातकालीन कार्रवाई की व्यवहारिकता को जाँचने का सशक्त माध्यम होगा। ‘ऑपरेशन शील्ड’ विशेष रूप से शत्रुतापूर्ण आक्रमणों से निपटने के लिए तैयार किया गया है, जिसमें हवाई हमले के सायरन, पूर्ण ब्लैकआउट व्यवस्था, नागरिक प्रशासन, आपातकालीन सेवाओं तथा स्थानीय नागरिकों की तैयारियों का मूल्यांकन करने हेतु विभिन्न उपाय सम्मिलित हैं।
अभ्यास के दौरान वास्तविक समय जैसी स्थितियाँ उत्पन्न की जाएँगी
अभ्यास के दौरान वास्तविक समय जैसी स्थितियाँ उत्पन्न की जाएँगी, विशेषकर नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से लगे संवेदनशील जिलों में। इससे सुरक्षा एजेंसियों की त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता, आपसी समन्वय एवं जनसहभागिता को परखा जा सकेगा। पंजाब सहित कुछ चिन्हित क्षेत्रों में पूर्ण ब्लैकआउट (Blackout) की व्यवस्था लागू की जाएगी, हालांकि अस्पतालों एवं आपातकालीन सेवाओं को इससे मुक्त रखा जाएगा। नागरिकों को सतर्क करने के लिए सायरनों का उपयोग किया जाएगा और मॉक अभ्यास के अंतर्गत नकली आपातकालीन परिस्थितियाँ उत्पन्न की जाएँगी ताकि दबाव में कार्यप्रणाली की प्रभावशीलता की जाँच की जा सके।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि पूर्व में आयोजित अभ्यासों के दौरान कुछ परिचालनात्मक खामियाँ सामने आई थीं, जिनके निराकरण के लिए यह पुनः अभ्यास आवश्यक समझा गया। यह पहल सरकार के उस निरंतर प्रयास का भाग है, जिसके अंतर्गत नागरिक सुरक्षा ढांचे को सुदृढ़ करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने हेतु संपूर्ण व्यवस्था को सतर्क एवं सक्रिय बनाया जा रहा है। इस मॉक ड्रिल से न केवल विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय में वृद्धि की आशा है, बल्कि इससे जन-जागरूकता में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में किसी भी आपात या आक्रामक स्थिति में शीघ्र एवं प्रभावी कार्रवाई संभव हो सकेगी। Mock Drill
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