Railway Ticket Cancellation: अनु सैनी। भारतीय रेलवे अब यात्रियों को एक बड़ी राहत देने की योजना पर काम कर रहा है। फिलहाल, यदि कोई यात्री ट्रेन टिकट बुक करता है और वह वेटिंग लिस्ट में रह जाता है, तो यात्रा से पहले उस टिकट को कैंसिल कर देने पर भी यात्रियों को पूरा पैसा वापस नहीं मिल पाता। इसका मुख्य कारण है — रेलवे द्वारा लगाए जाने वाले कैंसिलेशन चार्ज, जिसे ‘क्लर्केज फीस’ के रूप में काटा जाता है।
यह शुल्क अलग-अलग श्रेणियों के टिकटों पर भिन्न-भिन्न होता है। जैसे कि सेकंड सिटिंग (2S) टिकट पर 30 रुपये, जबकि स्लीपर क्लास और अन्य श्रेणियों जैसे 3AC, 2AC, 1AC पर यह चार्ज 60 रुपये प्लस जीएसटी होता है। इसी कारण यात्रियों को न केवल टिकट कन्फर्म न होने की परेशानी झेलनी पड़ती है, बल्कि कैंसिल करने पर पैसा भी कटता है।
रेलवे की योजना | Railway Ticket Cancellation
लंबे समय से यात्रियों की यह मांग रही है कि यदि वेटिंग टिकट अपने आप रद्द हो जाता है तो उस पर कोई शुल्क नहीं लगना चाहिए। क्योंकि इसमें न तो यात्री ने यात्रा की और न ही टिकट का उपयोग किया। यह भी शिकायत सामने आई है कि जब टिकट खुद-ब-खुद वेटिंग में रहकर रद्द हो जाता है, तब भी रेलवे उस पर चार्ज वसूलता है। अब इस समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए रेलवे इस चार्ज को पूरी तरह खत्म करने पर विचार कर रहा है। यदि यह प्रस्ताव पास हो गया, तो वेटिंग लिस्ट वाले टिकट कन्फर्म न होने की स्थिति में खुद-ब-खुद रद्द हो जाएंगे और यात्रियों को पूरा रिफंड मिलेगा, बिना किसी कटौती के।
न वर्तमान व्यवस्था
अभी की स्थिति में यदि कोई यात्री IRCTC पोर्टल के माध्यम से टिकट बुक करता है और वह वेटिंग में रहता है, तो यात्रा से पहले वह टिकट ऑटोमैटिकली कैंसिल हो जाता है। इस प्रक्रिया में रेलवे क्लर्केज फीस काटकर बाकी राशि वापस कर देता है। यही शुल्क यात्रियों को परेशान करता है, क्योंकि टिकट इस्तेमाल भी नहीं होता और पैसा भी कट जाता है।
कमाई का बड़ा स्रोत
रेलवे को टिकट कैंसिलेशन से भी भारी मात्रा में राजस्व प्राप्त होता है। एक आरटीआई (RTI) से मिली जानकारी के अनुसार, रेलवे ने वर्ष 2020 से 2023 के बीच केवल कैंसिलेशन चार्ज से ही करीब 6,000 करोड़ रुपये की कमाई की। यह एक बड़ा आंकड़ा है, और यही वजह है कि इस चार्ज को लेकर कई सवाल उठे हैं। खासकर वेटिंग लिस्ट वाले टिकटों के ऑटो-कैंसिलेशन पर शुल्क काटे जाने को लेकर यात्रियों में नाराज़गी रही है।
वित्तीय वर्ष 2025 में रिकॉर्ड आय
रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2025 में कुल 2.7 लाख करोड़ रुपये की कमाई की है, जिसमें मालवाहक गाड़ियों और यात्री ट्रेनों का योगदान प्रमुख रहा है। इसके अतिरिक्त, रेलवे ने माल ढुलाई के जरिए 1.75 लाख करोड़ रुपये की आमदनी की। इन आंकड़ों के सामने आने के बाद यह सवाल और भी प्रबल हो गया कि जब रेलवे इतनी बड़ी कमाई कर रहा है, तब आम यात्रियों से टिकट कैंसिलेशन पर शुल्क क्यों वसूला जाए? यदि रेलवे अपने इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दे देता है, तो यह कदम लाखों यात्रियों के लिए बड़ी राहत साबित होगा। इससे न सिर्फ यात्रियों का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि वे बिना किसी नुकसान के अपनी यात्रा की योजना बदल सकेंगे। ऐसे में रेलवे की यह पहल एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखी जा रही है, जो कि जनहित में बेहद जरूरी था।