संगरूर के गांवों-शहर में पानी की बूंद-बूंद को तरसे लोग

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Sangrur News: संगरूर के गांवों-शहर में पानी की बूंद-बूंद को तरसे लोग

पीने योग्य पानी के लिए जान जोखिम में डाल रहे लोग

  • भूलन गांव के लोग सुबह-शाम भाखड़ा नहर से भर रहे पानी

संगरूर (सच कहूँ/गुरप्रीत सिंह)। Sangrur News: पंजाब व हरियाणा के पानी के मसले को लेकर काफी माहौल गर्माया हुआ है। अगर बात की जाए तो पंजाब के बड़ी संख्या में जिलों में पानी की बड़ी किल्लत पैदा हो गई है। संगरूर में भी पानी की कमी के चलते लोग बड़े स्तर पर परेशानियों से जूझ रहे हैं। पंजाब में फसलों की काश्त के लिए नहीं बल्कि पीने के लिए भी पानी की बड़ी दिक्कत सामने आ रही है। कई गांंवों में हालात तो इस कद्र खराब हो गए हैं कि उनको पीने के लिए पानी कई किलोमीटर से लेकर आना पड़ रहा है। शहर में भी लोगों को शुद्ध पानी नहीं मिल रहा, जिस कारण बड़े स्तर पर बीमारियां भी फैल रही हैं। Sangrur News

वहीं बात अगर संगरूर के गांव भूलन की की जाए तो पंजाब-हरियाणा बॉर्डर के नजदीक स्थित इस गांव में पिछले 25 सालों से पानी की बड़ी किल्लत है। तकरीबन 8 हजार की आबादी वाले इस गांव में लोगों को पीने के लिए पानी तक नसीब नहीं हो रहा। भूमिगत पानी निकलता है, उसमें शोरे का स्तर बहुत ज्यादा है व वह पीने लायक नहीं है। इस गांव के लोग भाखड़ा नहर से पानी भरकर लाते हैं। गांव के समाज सेवी महावीर भूलन ने ‘सच कहूँ’ से बात करते कहा कि पिछले दो तीन दशकों से गांव में तुपका भी पीने योग्य पानी नहीं है।

उन्होंने बताया कि सुबह शाम गांव के सैकड़ों लोग भाखड़ा नहर से पानी भरकर लाते हैं। उन्होंने कहा कि भूमिगत पानी इतना खराब है कि पीना तो दूर डॉक्टरों ने उस पानी से हाथ धोने से भी मना किया है। उन्होंने कहा कि भाखड़ा से पानी लाना जोखिम वाला काम है, हमारे गांव का एक युवक पैर फिसलने से मौत का भी शिकार हो चुका है। उन्होंने कहा कि हमारे गांव के लोग दशकों से इस जोखिम से पानी की पूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को पानी मुहैया करवाने के लिए ग्रामीणों ने हर स्तर की कोशिशें की, लेकिन उन कोशिशों का कोई हल नहीं हुआ। Sangrur News

वहीं दूसरी तरफ संगरूर के सबसे बड़े गांव छाजली में भी पानी की भारी किल्लत है। जो पिछले 15 सालों से है। गांव में पानी वाली टंकी न होने से लोग अपने स्तर पर पानी के लिए प्रयास कर रहे हैं। जब इस संबंधी गांव के सरपंच गुरब्यास सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि गांव की यह समस्या सबसे बड़ी थी, जो गांव का ट्यूबवैल्ल था, वह भी पानी पूरा नहीं कर रहा था, उन्होंने कहा कि इस सरकार ने पानी की इस परेशानी को दूर करने के लिए साढे 6 करोड़ का प्रॉजैक्ट तैयार किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगस्त 2025 तक यह प्रॉजैक्ट मुकम्मल हो जाएगा व लोगों को आसानी से पानी मिलने लगेगा।

वहीं गांवों के साथ-साथ संगरूर शहर में भी यही परेशानी सामने आ रही है। शहर के काफी वार्डों में लोग परेशान हो रहे हैं। सीएम के अपने शहर संगरूर में भी बड़ी संख्या में लोगों को पानी नहीं मिल रहा। संगरूर के वार्ड नम्बर 22 में हालात यह हैं कि लोगों को पानी सप्लाई के लिए टैंकर का सहारा लेना पड़ रहा है। वहीं वार्ड के अजीत नगर में भी हालात बहुत ज्यादा खराब हैं, वहां भी पानी नहीं आ रहा है। इस वार्ड के नगर काऊंसलर तार सिंह तारा ने कहा कि इस वार्ड के लोग पानी के लिए परेशान हैं। उन्होंने कहा कि मैंने अपने खर्च पर दो पानी वाले टैंकर लगवाए हैं, जो सुबह शाम पानी की सप्लाई करते हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंधी उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया गया है, लेकिन अभी तक समस्या का हल नहीं हुआ है।

सुन्दर बस्ती में गन्दे पानी से लोग हुए बीमार | Sangrur News

संगरूर की सुन्दर बस्ती में गंदे पानी की सप्लाई से लोग बड़ी संख्या में बीमार हो रहे हैं। इस क्षेत्र के लोगों ने डिाटी कमिशनर को लिखित में भी बताया कि उनके मौहल्ले में जो पानी सप्लाई हो रहा है, वह दूषित है, जिस कारण लोगों को उल्टियां-दस्त आदि बीमारियां हो रही हैं। वार्डवासी दर्शन कांगड़ा ने कहा कि 2023 में यहां दर्जनों लोग दूषित पानी की सप्लाई से बीमार हो गए थे व 2 कीमती जिंदगियां भी मौत के मुंह में चली गई थीं। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि उनकी समस्या का हल किया जाए, अगर समस्या का हल नहीं हुआ तो हम धरने लगाने के लिए मजबूर होंगे।

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