Haryana-Punjab Weather: हरियाणा-पंजाब वालों हो जाओ अलर्ट, अब इतने दिनों तक गरज-चमक के साथ बारिश

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Haryana-Punjab Weather: हरियाणा-पंजाब वालों हो जाओ अलर्ट, अब इतने दिनों तक गरज-चमक के साथ बारिश

Haryana-Punjab Weather: हिसार, (संदीप सिंहमार)। हरियाणा-पंजाब के मौसम को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है। मौसम विभाग के अनुसार 24 से 26 और 27 से 29 जुलाई तक हरियाणा-पंजाब में बादल छाए रहेंगे, गरज चमक के साथ बारिश की संभावना है। यह रही हरियाणा पंजाब के लिए 7 दिवसीय मौसम की रिपोर्ट। नीचे कुछ मुख्य बिंदुओं का सारांश प्रस्तुत है:

मौसम का अवलोकन

23 जुलाई (आज): आंशिक रूप से धूप-छांव ।
24-26 जुलाई: गरज-चमक के साथ आंशिक बारिश की संभावना; तापमान 34 तक।
27-29 जुलाई: बादल छाए रहेंगे, हल्की से मध्यम बारिश संभव; तापमान सामान्य रूप से 31झ्र32 त्उ पर बना रहेगा।

सावधानियाँ और सुझाव

बिजली और बरसात: अगले 3-4 दिनों तक गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है, तो बाहर जाने पर छाता या रेनकोट रखें और अचानक तेज बारिश से बचें। भीगी सड़कों पर सावधानी: बारिश की वजह से सड़कें फिसलन भरी हो सकती हैं—गाड़ी चलाने या पैदल चलते समय सावधानी बरतें। हाइड्रेशन बनाए रखें: गर्मी और उमस के बीच पानी, नारियल पानी या स्पोर्ट्स ड्रिंक का सेवन अधिक करें।

बेहतर मानसून का असर: धान और मोटे अनाज ने दिखाई बढ़त, तुअर की बुवाई पिछड़ी

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा हाल में जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू सीजन में खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा इस वर्ष अब तक बढ़कर 708.31 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह रकबा 580.38 लाख हेक्टेयर था। आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि इस वर्ष 18 जुलाई तक चावल की बुवाई का रकबा 176.68 लाख हेक्टेयर है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह रकबा 157.21 लाख हेक्टेयर था। उड़द और मूंग जैसी दालों की बुवाई का रकबा 81.98 लाख हेक्टेयर बताया गया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह रकबा 80.13 लाख हेक्टेयर था। दालों की खेती में इस बार कुल 81.98 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की गई है, जो पिछले साल के मुकाबले 2.3 प्रतिशत ज्यादा है। हालांकि, अरहर (तुअर) की बुआई में 5.08 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। यह गिरावट चिंताजनक मानी जा रही है, क्योंकि अरहर दाल की घरेलू मांग बहुत ज्यादा है।

इसके उलट मूंग की बुआई में 11.39 प्रतिशत और कुल्थी में 11.32 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है। इसके अलावा उड़द की बुवाई में 12.48 फीसदी की गिरावट आई है। तुअर और उड़द जैसी जरूरी दालों की बुवाई में आई गिरावट आने वाले महीनों में बाजार में दालों की कीमतों पर असर डाल सकती हैं।