त्योहार की मिठास में घुला जहर! खुले में बिक रहे घेवर-फिरनी से बढ़ा बीमारी का खतरा

Narwana
Narwana त्योहार की मिठास में घुला जहर! खुले में बिक रहे घेवर-फिरनी से बढ़ा बीमारी का खतरा

नरवाना  (राहुल)। सावन का त्योहार आते ही शहर के बाजारों में रौनक लौट आई है। घेवर और फिरनी की खुशबू ने ग्राहकों को खींच तो लिया है, लेकिन इस मिठास में सेहत के लिए जहर भी घुला हुआ है। बाजारों में जगह-जगह लगे अस्थायी अड्डों पर स्वच्छता और हाइजीन के सभी दावे हवा हो गए हैं। खुले में धूल, मक्खियों और बासी मिठाई के बीच ग्राहकों की भीड़ लगी है, मगर त्योहार के बाद यही भीड़ अस्पतालों की कतारों में भी नजर आ सकती है। त्योहारों के सीजन में मिठाई कारोबारियों के लिए यह सबसे मुनाफे वाला समय है। मुख्य बाजार, सब्जी मंडी, रेलवे रोड और बस स्टैंड जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में घेवर और फिरनी के अड्डों की भरमार है। रंग-बिरंगे घेवर, सजी फिरनी और ड्राईफ्रूट से सजी मिठाइयों को देखकर लोग आकर्षित हो रहे हैं, लेकिन इन अड्डों पर स्वच्छता नाम की कोई चीज नहीं है।

खुले में बिक रही मिठाई, मक्खियां और धूल की मार

बस स्टैंड, रेलवे रोड, मुख्य बाजार और सब्जी मंडी जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में बिना ढके बर्तनों में घेवर और फिरनी खुलेआम बेची जा रही हैं। मक्खियों की भरमार और उड़ती धूल-मिट्टी के बीच बिक रही इन मिठाइयों को लोग मजबूरी में खरीद रहे हैं। कुछ दुकानदारों के पास मिठाइयों को ठंडा रखने के लिए फ्रिज की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे दूध और मलाई से बनी मिठाइयां जल्दी खराब हो सकती हैं।

मिलावट और बासी मिठाई का धंधा

ग्राहकों ने बताया कि मुनाफा बढ़ाने के लिए दुकानदार सिंथेटिक रंग और घटिया क्वालिटी का सामान इस्तेमाल कर रहे हैं। पिछले दिन की मिठाई को नया बताकर ऊंचे दामों में बेचने का खेल भी खूब चल रहा है। त्योहार के नाम पर बासी मिठाई धड़ल्ले से बेची जा रही है। दुकानदार घेवर को दोबारा खोया व ड्राईफ्रूट से सजा देते हैं, जिसे देखकर लोग धोखा खा जाते हैं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की कड़ी चेतावनी

जिला नागरिक अस्पताल जींद डिप्टी सीएमओ डिप्टी डॉ. राजेश भोला ने बताया कि खुले में बिकने वाली दूध और मलाई की मिठाइयां बैक्टीरिया और फंगस का घर बन जाती हैं। इससे पेट दर्द, उल्टी-दस्त, फूड प्वाइजनिंग जैसी बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह मिठाइयां और भी खतरनाक हैं। उन्होंने सलाह दी कि लोग केवल स्वच्छ दुकानों से ही मिठाई खरीदें और दूध-मलाई आधारित मिठाई को ज्यादा देर तक स्टोर न करें।

ग्राहक बोले…

1.बच्चों की जिद पर मिठाई लेनी पड़ती है, लेकिन मक्खियों के झुंड और धूल भरे घेवर देखकर डर लगता है कि त्योहार पर मिठाई की जगह दवा न खानी पड़े।
– ईश्वर सिंह, ग्राहक

2.त्योहारों में मिलावट और बासी मिठाई बेचना आम हो गया है। पिछले साल बासी मिठाई खाकर पूरा परिवार बीमार पड़ा था, इसलिए इस बार भी डर लग रहा है।
– संदीप कुमार, ग्राहक

खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने दी सख्त हिदायत, सैंपल जांच जारी

जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. योगेश ने कहा कि त्योहारों के सीजन में मिठाइयों की गुणवत्ता को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। सावन और रक्षाबंधन के सीजन को देखते हुए समय-समय पर शहर की विभिन्न दुकानों से मिठाइयों के सैंपल लिए जा रहे हैं और उनकी जांच करवाई जा रही है। उन्होंने सभी मिठाई विक्रेताओं को सख्त हिदायत दी है कि वे अपनी मिठाइयों को ढककर रखें और पूरी तरह हाइजीन का पालन करें। डॉ. योगेश ने कहा कि, त्योहार के सीजन में ग्राहकों की भीड़ बढ़ जाती है, ऐसे में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि किसी दुकान पर गंदगी, मिलावट या हाइजीन की अनदेखी पाई जाती है तो संबंधित दुकानदार के खिलाफ सबसे सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।