अनु सैनी। Bank Merger News: सरकारी बैंकों के विलय (Bank Merger) को लेकर एक बार फिर हलचल बढ़ गई है। केंद्र सरकार ऐसे पब्लिक सेक्टर बैंक तैयार करना चाहती है जो वैश्विक स्तर पर मुकाबला करने में सक्षम हों। छोटे सरकारी बैंकों को मिलाकर बड़े और मजबूत बैंक बनाने से न केवल दक्षता बढ़ेगी, बल्कि वित्तीय जोखिम भी कम होगा। बैंकिंग सेक्टर की मजबूती के लिए सरकार पिछले कुछ वर्षों से ‘कम लेकिन मजबूत बैंक’ की नीति पर काम कर रही है।
1. किन 6 बैंकों पर है मर्जर की नजर
वर्तमान चर्चा छह सरकारी बैंकों के संभावित मर्जर को लेकर है। इनमें बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, भविष्य में इन बैंकों का आपस में या किसी बड़े PSU बैंक के साथ विलय किया जा सकता है। इससे बड़े स्तर पर संचालन और तकनीकी सुधार संभव होंगे।
2. बैंकिंग क्षेत्र में मर्जर की जरूरत क्यों | Bank Merger News
पिछले वर्षों में बैंकिंग क्षेत्र में मर्जर की रणनीति इसलिए अपनाई गई है ताकि पूंजी क्षमता बढ़ सके, एनपीए कम हो, डिजिटल बैंकिंग में मजबूती आए और ग्राहक सेवा बेहतर बने। बड़े आकार के बैंक न केवल घरेलू जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकते हैं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होते हैं। SBI ने भी इस दिशा में सरकार के प्रयास का समर्थन किया है।
3. 2017 में SBI का ऐतिहासिक विलय
अप्रैल 2017 में भारत के बैंकिंग सेक्टर में सबसे बड़ा मर्जर हुआ, जब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने अपने पांच एसोसिएट बैंकोंएसबीबीजे, एसबीएच, एसबीपी, एसबीएम, एसबीटी—और भारतीय महिला बैंक को शामिल कर लिया। इस एकीकरण ने SBI को देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक बना दिया। इस मर्जर से SBI की मार्केट वैल्यू, ब्रांच नेटवर्क और ग्राहक आधार में ऐतिहासिक वृद्धि हुई।
4. 2019 में बैंक ऑफ बड़ौदा बना तीसरा सबसे बड़ा बैंक
2019 में सरकार ने दूसरा बड़ा कदम उठाते हुए बैंक ऑफ बड़ौदा का विजया बैंक और देना बैंक के साथ विलय किया। इस तीन-तरफा मर्जर से बैंक ऑफ बड़ौदा देश का तीसरा सबसे बड़ा PSU बैंक बनकर उभरा। विलय के बाद बैंक की पूंजी क्षमता और तकनीकी दक्षता में उल्लेखनीय सुधार देखा गया।
5. 2020 में हुए अब तक के सबसे बड़े PSU बैंक मर्जर
अप्रैल 2020 में एक ही वर्ष में कई बड़े विलय हुए। पंजाब नेशनल बैंक ने ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को मिलाकर देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बनने का दर्जा हासिल किया। इसी साल केनरा बैंक ने सिंडिकेट बैंक का अधिग्रहण किया और चौथा सबसे बड़ा PSU बैंक बना। इसके अलावा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक के विलय से बड़ी छलांग लगाई। इंडियन बैंक और इलाहाबाद बैंक का एकीकरण भी इसी वर्ष पूरा हुआ। Bank Merger News
6. 2026 में नए मर्जर की संभावना
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार अगले चरण के बड़े मर्जर का ऐलान अप्रैल 2026 में कर सकती है। वित्त वर्ष की शुरुआत में मर्जर लागू करना आसान होता है, इसलिए पिछले सभी बड़े एकीकरण भी इसी समय किए गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार सरकार मर्जर को एक साथ नहीं बल्कि 2–3 चरणों में पूरा कर सकती है, ताकि ऑपरेशनल इंटीग्रेशन और पूंजी प्रबंधन सुचारु रहे।
7. सरकार का दीर्घकालिक लक्ष्य
रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार का उद्देश्य 12 सरकारी बैंकों की संख्या घटाकर लगभग 6 या 7 बड़े और विश्वस्तरीय बैंकों तक सीमित करना है। इससे बैलेंस शीट मजबूत होगी, ऋण देने की क्षमता बढ़ेगी, डिजिटल बैंकिंग में सुधार होगा और बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को बेहतर फंडिंग मिलेगी। साथ ही परिचालन लागत में कमी आएगी और जोखिम वितरण में संतुलन बनेगा।
8. बैंकिंग सेक्टर पर संभावित असर
यदि प्रस्तावित 6 बैंकों का मर्जर लागू होता है, तो भारतीय बैंकिंग सेक्टर में एक और बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। यह कदम ग्राहक सेवाओं को बेहतर, बैंकिंग सिस्टम को मजबूत और डिजिटल सुविधाओं को उन्नत बनाने में सहायक साबित हो सकता है। हालांकि, मर्जर की आधिकारिक घोषणा का इंतजार है, लेकिन संकेत साफ हैं कि भारत जल्द ही कम लेकिन शक्तिशाली बैंकों के मॉडल पर आगे बढ़ सकता है। Bank Merger News
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