Parliament Monsoon Session 2025: नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए इसे ‘विजयोत्सव’ की संज्ञा दी। उन्होंने कहा कि यह सत्र न केवल विधायी कार्यों का अवसर है, बल्कि भारत की उपलब्धियों और आत्मविश्वास का प्रतीक भी है। PM Modi’s address
ऑपरेशन सिंदूर: सैन्य शक्ति का प्रदर्शन
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय सेना ने जो लक्ष्य निर्धारित किया था, वह पूर्णतः सफल रहा। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान भारतीय सैनिकों ने आतंकियों के ठिकानों को मात्र 22 मिनट में ध्वस्त कर दिया। यह ऑपरेशन भारत की स्वदेशी सैन्य शक्ति का उदाहरण बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि विश्व में अब “मेड इन इंडिया” के प्रति नई रुचि और विश्वास बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने इस मानसून सत्र को राष्ट्र के गौरव का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भारत का तिरंगा लहराना हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है। यह घटना भारत की विज्ञान, तकनीक और नवाचार में प्रगति की पुष्टि करती है। उन्होंने आशा जताई कि संसद के दोनों सदनों के सदस्य और पूरा देश इस गौरवगान में एक स्वर में सम्मिलित होंगे।
आतंकवाद और नक्सलवाद पर प्रहार | PM Modi’s address
प्रधानमंत्री मोदी ने देश में फैले आंतरिक खतरों, जैसे आतंकवाद और माओवाद पर भी चिंता जताई, परंतु साथ ही कहा कि सरकार की नीति और कार्यप्रणाली के चलते नक्सलवाद का क्षेत्र तेजी से सिमट रहा है। उन्होंने गर्वपूर्वक कहा कि आज देश के सैकड़ों जिले भय और हिंसा से मुक्त होकर विकास की ओर अग्रसर हैं।
उन्होंने कहा, “बम और बंदूक के सामने आज भारत का संविधान विजयी हो रहा है।” पहले जो क्षेत्र ‘रेड कॉरिडोर’ कहलाते थे, अब वे ‘हरित विकास क्षेत्र’ (ग्रीन ग्रोथ जोन) के रूप में उभर रहे हैं, जो राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य की ओर संकेत करता है।
आर्थिक मोर्चे पर प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 से पूर्व भारत विश्व की अर्थव्यवस्था में दसवें स्थान पर था, किंतु आज यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेज़ी से अग्रसर है। उन्होंने इसे देशवासियों की मेहनत और सशक्त नीतियों का परिणाम बताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सत्र केवल कानून निर्माण का समय नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र की तरक्की और उपलब्धियों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर है। उन्होंने सभी सांसदों से आग्रह किया कि वे इस सत्र को जनभागीदारी, सकारात्मक संवाद और राष्ट्रहित में योगदान का माध्यम बनाएं। PM Modi’s address
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