मोहाली में स्थापित होगा कॉल सेंटर, निजी कंपनी को मिलेगा ठेका
- जनता से फोन पर ली जाएगी योजनाओं पर प्रतिक्रिया
- वेतन व भत्तों सहित सर्वे पर खर्च होगी करोड़ों रु. की राशि
चंडीगढ़ (सच कहूँ/अश्वनी चावला)। Chandigarh News: पंजाब सरकार अपने साढ़े तीन साल के कार्यकाल में चलाई गई योजनाओं की समीक्षा के लिए राज्यभर में एक बड़े सर्वे की योजना बना रही है। इस सर्वे के तहत 800 कॉल सेंटर एक्जीक्यूटिव तैनात किए जाएंगे, जो रोजाना फोन कर लोगों से फीडबैक लेंगे। सरकार इस काम के लिए निजी कंपनियों को ठेका देने जा रही है, जिससे करोड़ों रुपये का खर्च प्रस्तावित है। Chandigarh News
इस सर्वे के लिए मोहाली में एक विशेष कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा। कॉल सेंटर के संचालन और मानव संसाधन प्रबंधन की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को सौंपी जाएगी। चुनी गई कंपनी कॉल एक्जीक्यूटिव की भर्ती करेगी और उन्हें प्रशिक्षित कर सरकार की योजनाओं पर जनता से राय लेने का काम सौंपेगी। कॉल सेंटर की टीम राज्य के विभिन्न जिलों में लाभार्थियों से संपर्क करेगी और सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं जैसे फ्री बिजली, स्वास्थ्य सेवाएं, शिक्षा सुधार, रोजगार, और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े कार्यक्रमों पर उनकी राय लेगी। कॉल के माध्यम से यह जानकारी जुटाई जाएगी कि लोगों को योजनाओं का लाभ मिला या नहीं, और वे इनसे संतुष्ट हैं या नहीं।
भविष्य की रणनीति के लिए आधार बनेगा सर्वे | Chandigarh News
सरकार का दावा है कि यह सर्वे भविष्य की योजनाओं और नीतियों को प्रभावी रूप से तैयार करने में मदद करेगा। आम आदमी पार्टी सरकार का मानना है कि योजनाओं की सफलता और जनता की संतुष्टि का मूल्यांकन जमीनी स्तर से किया जाना आवश्यक है। इससे सरकार को न केवल वर्तमान योजनाओं की प्रगति समझने में मदद मिलेगी, बल्कि जरूरत के अनुसार उनमें सुधार भी किया जा सकेगा।
अब तक का सबसे बड़ा सर्वे
इससे पहले भी सरकारें अपनी योजनाओं की समीक्षा के लिए सर्वे करवा चुकी हैं, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर कॉल सेंटर और कर्मचारियों की तैनाती पहले कभी नहीं हुई। अबकी बार बाकायदा मोहाली या चंडीगढ़ में कॉल सेंटर स्थापित किया जा रहा है, जो पूरी तरह सरकारी निगरानी में काम करेगा। इससे पहले केवल निजी कंपनियों को ठेका देकर सर्वे कराया जाता था। लेकिन अब स्थायी ढांचे के साथ, खासतौर पर सर्वे हेतु केंद्र तैयार किया जा रहा है। Chandigarh News
क्या यह सर्वे सच्चाई बदलेगा या होगी फिजूलखर्ची?
इस सर्वे को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या इससे वास्तव में कोई बदलाव आएगा या यह केवल सरकारी फिजूलखर्ची साबित होगा? पहले भी सर्वे कराए गए हैं, लेकिन जनता की राय पर आधारित नीतिगत बदलाव कम ही देखने को मिले हैं। यह देखा जाना बाकी है कि यह सर्वे भविष्य में सरकार को सकारात्मक दिशा देगा या केवल चुनावी हार के बाद सच्चाई सामने लाने वाला औपचारिक अभ्यास बनकर रह जाएगा।
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