गर्म तेल में डाले बिना ही जीरे ने बदला रंग, सवा अरब का जीरा, पहुंचे रिकॉर्ड किसान, शहर हुआ जाम

Rajasthan

मेड़ता । राजस्थान की मेड़ता (नागौर) अनाज मंडी में शनिवार को रिकॉर्ड तोड़ (Rajasthan News) संख्या में किसान फसल बेचने पहुंचे तो पूरा शहर जाम हो गया। हजारों की संख्या में ट्रैक्टर होने के कारण 15 किलोमीटर लंबा जाम लग गया। यहां एक ही दिन में करीब सवा अरब से ज्यादा का जीरे का बिजनेस हुआ। शनिवार सुबह से ही जिले भर से ईसबगोल, जीरा सहित दूसरे उत्पादनों से लदे वाहनों का मंडी पहुंचना शुरू हो गया था जो कि देर रात तक जारी रहा।

15 किमी तक टैÑक्टर-ट्रॉलियों की लंबी कतार

मेड़ता शहर के रहने वाले आॅनलाइन ट्रेडर मोहन मेहरिया बताते हैं कि उन्होंने अपनी जिंदगी में इससे पहले कभी भी मंडी में अनाज की इतनी आवक नहीं देखी। आवक ऐसी हुई कि पूरा शहर ही थम सा गया है। सुबह 10 बजे से ही जाम के हालात बनने शुरू हो गए। दोपहर होते-होते 15 किमी के दायरे में सिर्फ जीरा, ईसबगोल, रायड़ा, सौंफ सहित अन्य कृषि जिंसों से लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियां ही ट्रॉलियां नजर आ रही थीं। मंडी में चारों तरफ अनाज की ढेरी लगी हुई हैं, हालात ऐसे हो चुके हैं कि मंडी में पैर रखने की जगह नहीं बची। मंडी में चारों तरफ अनाज की ढेरी लगी हुई हैं, हालात ऐसे हो चुके हैं कि मंडी में पैर रखने की जगह नहीं बची।

मुख्य रास्ते हुए जाम

नागौर रोड: मेड़ता कृषि मंडी से नागौर रोड की तरफ मंडी, पंचायत समिति, नगरपालिका, रेणी गेट, मेला मैदान, पुलिस थाना से होते हुए रेण गेट तक करीब 4 किमी लम्बा जाम लग गया।

मेड़ता रोड: इस मार्ग पर मंडी से लेकर बजाज हीरो एजेंसी होते हुए मेड़ता रोड सड़क मार्ग पर करीब 5 किमी लम्बा जाम लग गया।

राजकीय कॉलेज रोड: इस रोड पर मेड़ता मंडी से रीको इंडस्ट्रीज एरिया, राजकीय पीजी महाविद्यालय, उप कारागृह, जोधपुर रोड की तरफ 4 किमी लम्बा जाम लग गया।

सोगावास रोड: मंडी से बजाज एजेंसी, सोगावास होते हुए मेला मैदान की तरफ 3 किमी लम्बा जाम लग गया। इन सभी सड़कों पर सिर्फ अनाज से लदी ट्रैक्टर ट्रॉलियां और लोडिंग वाहन की नजर आ रहे थे।

मंडी सचिव राजेंद्र कुमार रियाड़ के मुताबिक आज करीब 4 हजार से ज्यादा ट्रैक्टर ट्रॉलियां और लोडिंग वाहनों से किसान अनाज लेकर मेड़ता मंडी आए है। बंपर आवक की वजह से ट्रैफिक व्यवस्था का जिम्मा संभालने पूरा यातायात पुलिस थाना और सिविल पुलिस थाने के भी जवान दिनभर जुटे रहे। वहीं दूसरी तरफ आज शाम 4 बजे तक मंडी में जीरे के अधिकतम भाव 46 हजार रुपए प्रति क्विंटल रहे, वहीं ईसबगोल के अधिकतम भाव 24,500 रुपए प्रति क्विंटल रहे।

पिछले 7 दिनों में आया एक महीने का आवक

इस महीने के सिर्फ 7 व्यापारिक दिनों में 1 लाख क्विंटल जीरा सहित 2.17 लाख क्विंटल अन्य अनाज पहुंचा है, जबकि पिछले पूरे मार्च महीने में 57 हजार क्विंटल जीरा सहित कुल 1.47 लाख क्विंटल अनाज पहुंचा था। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि बढ़े हुए भावों की वजह से जो अनाज मार्च के पूरे महीने में बिकने आया था करीब उससे डेढ़ से दो गुना ज्यादा अनाज सिर्फ अप्रैल के 15 दिनों में मेड़ता मंडी में आ चुका है।

कैसे लगती है बोली

दरअसल कृषि मंडी में ढेरी बोली शेयर बाजार तय करता है और शेयर बाजार डोमेस्टिक और इंटरनेशनल मार्केट डिमांड के अनुसार वर्क करता है। बाजार में किसी भी चीज की मांग बढ़ने पर उसके शेयर बढ़ जाते हैं। जैसे बाजार में जीरे की डिमांड बढ़ी तो उसके शेयर में तेजी से उछाल आया और शेयर में उछाल आते ही मंडी में भी उस चीज के भाव बढ़ जाते हैं। शेयर बाजार टूटने के साथ ही संबंधित अनाज के ढेरी बोली में भाव भी गिर जाते हैं, जो व्यापारी ढेरी पर सबसे ज्यादा बोली लगाता है वह उसके नाम छूट जाती है और उसी के अनुसार किसान को पेमेंट कर दिया जाता है।

48 घंटे में 61 हजार के पार जीरा, अब तक सबसे महंगा

गर्म तेल में डालते ही रंग बदलने वाले जीरे में अब सोने पर सुहागा हो गया है। मेड़ता मंडी में दो दिन पहले अपने रिकॉर्ड भाव 50 हजार रुपए प्रति क्विंटल पहुंचने वाले जीरे ने बुधवार को नए रिकॉर्ड बनाए और पहली बार यह 61 हजार 351 रुपए के भाव से बिका।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here