
देश के विभिन्न राज्यों में गणमान्यजनों व पाठकों ने पक्षियों के लिए रखे सकोरे व चुग्गा पानी
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। Sach Kahoon 23rd Anniversary: बुधवार को सच कहूँ समाचार पत्र की 23वीं वर्षगांठ देश के विभिन्न राज्यों में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां द्वारा चलाई ‘पक्षियोद्धार’ मुहिम का अनुसरण कर मनाई गई। सच कहूँ के पाठकों के द्वारा हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, चंडीगढ़, बिहार व अन्य राज्यों में भीषण गर्मी के मौसम में पक्षियों के लिए सकोरे रख कर मनाई गई।
पाठकों ने पक्षियों के लिए सकोरों में दाना पानी रखा। इस नेक कार्य में अनेक गणमान्य जनों ने भी भाग लिया और सच कहूँ समाचार पत्र की वर्षगांठ को मानवता कार्य कर मनाने की प्रशंसा की। सच कहूँ की वर्षगांठ पर हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, यूपी सहित विभिन्न राज्यों की सरकारों से जुड़े जनप्रतिनिधियों, नेताओं, प्रशासनिक अधिकारियों व गणमान्य जनों ने शुभकामनाएं संदेश भेजे। सच कहूँ के साफ सुथरे व मानवता भलाई के कार्यों को प्रमुखता देने के संदेश की सराहना की। इसके साथ ही सच कहूँ की वर्षगांठ को प्रकृति व पक्षी प्रेम से जोड़कर मनाने के कार्य की मुक्त कंठ से सराहना की।
सच कहूँ की वर्षगांठ पर सच कहूँ के सरसा स्थित मुख्य कार्यालय के अलावा विभिन्न जिलों, मंडलों व उपमंडलों में स्थित कार्यालयों, सार्वजनिक स्थानों पर भी कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें प्रशासनिक अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों, नगरपार्षदों, पंचों, सरपंचों सहित गणमान्य जनों ने भाग लिया। सच कहूँ रूपी पौधे की स्थापना पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने अपने पावन कर कमलों से की थी। 23 वर्षों के दौरान सच कहूँ निरंतर प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में सच कहूँ सरसा के अलावा नोएडा, चंडीगढ़ व श्रीगंगानगर से भी प्रकाशित हो रहा है। 23 वर्षों के सफर से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में जन जन की आवाज को बुलंद कर रहा है।

‘सच कहूँ’ आपके घर-घर में होना चाहिए। क्योंकि ये लोग जो लिखते हैं अच्छा लिखते हैं। इसमें गंदगी नहीं होती ऐसी तस्वीरें नहीं होती कि आप अपनी माँ, बहन, या बेटी के सामने न खोल सकें। सच कहूँ में आप सत्संग या मजलिस पढ़ते हैं तो आपको सत्संग या मजलिस का कुछ न कुछ फल अवश्य मिलता है, इस प्रकार आप घर बैठे बिठाए खुशियां हासिल कर सकते हैं।
-पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां
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