स्याना हिंसा मामला: इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या के 5 दोषी करार, 33 अन्य भी दोषी घोषित

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Bulandshahr स्याना हिंसा मामला: इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या के 5 दोषी करार, 33 अन्य भी दोषी घोषित

 बुलन्दशहर (कपिल देव इन्सां) बहुचर्चित स्याना हिंसा मामले में आज एडीजे-12 न्यायमूर्ति गोपाल जी की अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया। 3 दिसंबर 2018 को हुई इस वीभत्स घटना में तत्कालीन थाना प्रभारी इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। कोर्ट ने कुल 39 आरोपियों को दोषी करार दिया है। इनमें से 5 आरोपियों प्रशांत नट, डेविड, जोनी, राहुल और लोकेन्द्र उर्फ मामा को इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या का दोषी ठहराया गया है, जबकि अन्य 33 आरोपियों को बलवा, आगजनी, शस्त्र अधिनियम और IPC की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जैसे संगीन अपराधों में दोषी माना गया है।

चार्जशीट और ट्रायल का लंबा सफर

स्याना हिंसा मामले में पुलिस ने गहन जांच के बाद कुल 44 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इनमें से 5 आरोपियों की ट्रायल के दौरान मृत्यु हो गई, जबकि एक आरोपी बाल अपचारी था, जिसे जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया गया। बाकी सभी 38 वयस्क आरोपियों को कोर्ट ने दोषी ठहराया है।

न्यायिक अभिरक्षा और आगामी कार्यवाही

कोर्ट ने सभी दोषियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है और 1 अगस्त 2025 को सजा पर बहस के बाद फैसला सुनाया जाएगा। इस बहुप्रतीक्षित फैसले को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे।

क्या हुआ था 3 दिसंबर 2018 को?

साल 2018 में स्याना क्षेत्र के महाव गांव में गोवंश के अवशेष मिलने की अफवाह के बाद भीड़ ने उग्र रूप धारण कर लिया था। उपद्रवियों ने पुलिस पर हमला कर दिया था और इस दौरान स्याना कोतवाली के प्रभारी इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हिंसा में एक स्थानीय युवक सुमित की भी मौत हुई थी। यह फैसला प्रदेश की न्यायिक व्यवस्था में मील का पत्थर माना जा रहा है, जहां भीड़तंत्र के खिलाफ कानून की जीत हुई है। 1 अगस्त को एडीजे-12 कोर्ट सजा का ऐलान करेगी, जिस पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी होंगी।