मुख्यमंत्री गहलोत विधानसभा में पेश किया लेखानुदान

CM, Ashok Gehlot

जयपुर(varta)। राजस्थान सरकार ने बुधवार को विधानसभा में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए लेखानुदान पेश किया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ये लेखानुदान पेश किया। उन्होंने कहा कि आर्थिक प्रगति के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। पिछली सरकार के कुशासन ने राज्य की अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया है। हमारी सरकार गरीबी और बेरोजगारी के अभिशाप से मुक्ति का संकल्प लेती है। इसके साथ गहलोत ने गत सरकार के आंकड़े बताए। गहलोत ने कहा कि पिछली सरकार बड़ा कर्ज छोड़ गई। हमें बहुत चुनौतीपूर्ण माहौल मिला है। राज्य और केद्र सरकार में बड़ा समन्वय नहीं था। 17454 करोड़ का राजस्व घाटा था।

अशोक गहलोत की घोषणाएं

गहलोत ने कहा कि हमने किसानों के हित में बड़ा फैसला किया है। सरकार बनते ही किसानों की कर्जमाफी का एलान किया। कर्ज माफी से 24 लाख किसानों को फयदा मिलेगा। जिसके तहत 30 नवंबर 2018 तक का कर्जा माफ किया है। इसके साथ बीपीएल परिवारों को 1 रुपए किलो की दर से गेहूं दिया जाएगा।  छात्राओं को सरकारी कॉलेज और विश्वविद्यालाओं में निशुल्क शिक्षा दी जाएगी। ‘मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत शिक्षित बेरोजगारों को आर्थिक भत्ता दिया जाएगा। जिसमें महिलाओं को 3500 और पुरुष को 3000 रुपए प्रतिमाह मिलेगा। इसके साथ बेणेश्वर धाम विकास बोर्ड के गठन की घोषणा भी की। बेणेश्वर धाम आदिवासियों का बड़ा तीर्थ है।/

  • निशुल्क दवा योजना का दायरा बढ़ाया जाएगा।
  • 600 नए दवा वितरण केंद्र खोले जाएंगे
  • सरकार निर्यात को बढ़ा नवीन उद्योग नीति लागू करेगी
  • इंदिरा गांधी फीडर में मरम्मत के लिए 812 करोड़ के काम प्रस्तावित
  • अब तक 3000 ग्राम पंचायतें की जा चुकीं वाईफाई
  • ग्राम पंचायतों में अभी 8000 वाईफाई हॉटस्पॉट, अब इसे 20000 किया जाएगा
  • नरेगा में नियोजित श्रमिक बढ़े
  • मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना में, कैंसर ह्रदय अन्य रोगों से संबंधित दवाएं भी उपलब्ध होंगी
  • हरिदेव जोशी पत्रकारिता विवि, विधि विवि विधेयक किए गए प्रस्तुत

क्या होता है लेखानुदान

गौरतलब है कि इसके तहत वेतन, पेंशन, जिला प्रशासन, न्याय प्रशासन, निर्वाचन व कंटिनजेंसी पर पैसा खर्च करने के लिए विधानसभा से मंजूरी ली जाती है। करीब 4 महीने के लिए यह लेखानुदान लिया जाएगा। लोकसभा चुनावों के बाद सरकार जून या जुलाई में पूरा बजट ला सकती है। हालांकि लेखानुदान में भी वित्त विभाग संपूर्ण बजट ही तैयार करता है लेकिन इसमें घोषणाओं वाले हिस्से को शामिल नहीं किया जाता। इसमें सरकार विधानसभा को पूरे वित्त वर्ष में होने वाली आय व व्यय के अनुमान पेश करती है।

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