प्यारे मुर्शिद के प्यार में रंगी साध-संगत

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Spiritual: ...जब पूज्य गुरु जी ने सेवादार के भ्रम को किया दूर

सच कहूँ/गुरप्रीत सिंह/हरपाल सिंह/जीवन गोयल/बलकार सिंह/कर्म थिन्द/खुशप्रीत जोशन
संगरूर। बीती रात डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं के बेहद्द अहम थी क्योंकि गुरू पूर्णिमा दिवस के पवित्र त्यौहार पर समूह साध-संगत अपने मुर्शिद-ए-कामिल पूूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के साथ आॅनलाईन रूबरू रही। डेरा श्रद्धालु अपने प्यारे मुर्शिद की आॅनलाईन मौजूदगी में जश्नों और में डूबे रहे। पूरे विश्व की साध-संगत के साथ जिला संगरूर की साध-संगत भी पूरी तरह गुरू पूर्णिमा के रंग में रंगी नजर आई।

जिला संगरूर के 21 ब्लॉकों में साध-संगत जशन मना रही थी। जिले के 13 अलग-अलग स्थानों पर बने नामचर्चा घरों में देर रात तक साध-संगत की झूमती रही। हासिल जानकारी के अनुसार जिला संगरूर का मुख्य स्टेशन संगरूर नामचर्चा घर में डेरा श्रद्धालुओं के जोश का नजारा अलग ही महसूस हुआ। हजारों की तादाद में ब्लॉक संगरूर की साध-संगत ने पूज्य गुरू जी आॅनलाईन गुरू कुल कार्यक्रम में शिरकत की और ते खुशियां हासिल की। पूज्य गुरू जी ने आॅन लाईन माध्यम से समूह साध-संगत को डेरा सच्चा सौदा द्वारा किए जा रहे मानवता भलाई के कार्र्याे की सूची में दो और नए कार्य जोड़ दिए। पूज्य गुरू जी की मौजूदगी में समूह साध-संगत ने हाथ खड़े कर प्रण लिया कि देश को साफ-सुथरा बनाने के लिए डेरा सच्चा सौदा की सार्वजनिक शौचालय मुहिम शुरू करेंगे।

पूज्य गुरू जी ने फरमाया कि राष्टÑीय राज मार्गों पर दूर-दूर तक आमजन को रफा हाजत के लिए कोई जगह नहीं मिलती, जिस कारण उनको बहुत परेशानी आती है। पूज्य गुुरू जी ने फरमाया कि डेरा श्रद्धालु सार्वजनिक शौचालय ऐसी सड़कों पर बनाएं और इन्हें बनाने के लिए स्पैशल वाहन का डिजाई जल्दी तैयार कर लिया जाएगा। इसके अलावा पूज्य गुरू जी द्वारा साध-संगत में देश भक्ति की भावना भरते सभी को अपील की कि वह भारत के मान-सम्मान का प्रतीक तिरंगा झंडा अपने-अपने घरों, कार्यालयों और कमरों में लगाएंगें और तिरंगे की शान बढांएंगे, जिसे समूह साध-संगत ने हाथ खड़े कर माना। गुरू पूर्णिमा की खुशी में अलग-2 ब्लॉकों की साध-संगत द्वारा केक सहित अन्य प्रसाद भी बांटा गया और समूह साध-संगत ने नामचर्चा घरों में ही लंगर खाया। जिला संगरूर में संगरूर के अलावा भवानीगढ़, मूनक, खनौरी, दिड़बा, सुनाम, धूरी, मालेरकोटला, लौंगोवाल, धर्मगढ़, अहमदगढ़ आदि नामचर्चा घरों में साध-संगत ने आॅनलाईन कार्यक्रम का आनंद उठाया। साध-संगत में अनुशासन इतना था कि लगातार कई घंटों तक साध-संगत ज्यों की त्यों ही बैठी रही और पूज्य गुरू जी के पावन वचनां को श्रवण करती रही। पूज्य गुरू जी द्वारा देश भलाई के दिनों-दिन नशों की दल-दल में फंसे युवाओं को रोकने के लिए लाखों नए जीवों को नाम की अनमोल दान भी प्रदान की।

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