
Center Govt record in wheat procurement: नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वर्ष 2025-26 के रबी विपणन सत्र (अप्रैल से जून) के अंतर्गत अब तक 297 लाख टन से अधिक गेहूं की रिकॉर्डतोड़ खरीद की है। यह आंकड़ा वर्ष 2021-22 के बाद से अब तक का सर्वाधिक है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, यह खरीद पिछले वर्ष की तुलना में 13.5 प्रतिशत अधिक है और देश के अधिकांश प्रमुख उत्पादक राज्यों में यह प्रक्रिया लगभग पूर्ण हो चुकी है। Wheat Procurement
केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामले मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अनुमान व्यक्त किया है कि इस वर्ष गेहूं खरीद का कुल आंकड़ा 320 से 325 लाख टन तक पहुंच सकता है। गौरतलब है कि 2024-25 में गेहूं की कुल खरीद 265.9 लाख टन पर रही थी। आगामी विपणन सत्र के लिए सरकार ने 312 लाख टन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
पिछले वर्ष की तुलना में अधिक मात्रा में खरीदारी की
एफसीआई के अनुसार, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों ने इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना में अधिक मात्रा में खरीदारी की है। इससे किसानों को बड़ी राहत मिली है और उन्हें उपज का उचित मूल्य प्राप्त हुआ है। वर्तमान आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार ने लगभग ₹62,346 करोड़ रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) भुगतान किया है, जिससे 22.7 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में जानकारी दी कि वर्ष 2024-25 में देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर 1,663.91 लाख टन हो गया है, जो कि पिछले वर्ष के 1,557.6 लाख टन की तुलना में 6.83 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने बताया कि रबी फसलों का उत्पादन 1,600.06 लाख टन से बढ़कर 1,645.27 लाख टन तक पहुंच गया है। मंत्री ने यह भी कहा कि कृषि मंत्रालय का उद्देश्य सिर्फ देश की खाद्यान्न आवश्यकताओं को पूरा करना नहीं, बल्कि भारत को विश्व का ‘अन्न भंडार’ (Food Basket of the World) बनाना है। Wheat Procurement
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