
Fertilizer black marketing: नई दिल्ली। देशभर में किसानों को उर्वरक (फर्टिलाइज़र) की नियमित और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने खरीफ और रबी सीजन 2024-25 के दौरान एक विशेष अभियान चलाया। इस अभियान के अंतर्गत कालाबाजारी, जमाखोरी और अवैध वितरण पर रोक लगाने के लिए व्यापक स्तर पर जांच और छापेमारी की गई। Fertilizer Ministry News
रासायनिक एवं उर्वरक मंत्रालय के अनुसार, देशभर में कुल 3,17,000 से अधिक निरीक्षण और छापे मारे गए। इन कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप 5,119 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए, जिनमें से 3,645 डीलरों के लाइसेंस निलंबित किए गए तथा 418 प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गईं।
जमाखोरी से संबंधित मामलों में भी सरकार ने सख्त रुख अपनाया। इस दौरान 667 नोटिस जारी, 202 लाइसेंस रद्द या निलंबित, और 37 एफआईआर दर्ज की गईं। वहीं, उर्वरक के डायवर्जन यानी अन्यत्र मोड़ने के मामलों में 2,991 नोटिस, 451 लाइसेंस निलंबन, और 92 एफआईआर दर्ज हुईं। ये सभी कार्रवाई आवश्यक वस्तु अधिनियम तथा उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ) के प्रावधानों के तहत की गईं। Fertilizer Ministry News
इस अभियान में उत्तर प्रदेश अग्रणी राज्य रहा, जहाँ 28,000 से अधिक निरीक्षण किए गए, 1,957 नोटिस जारी, 2,730 लाइसेंस निलंबित, और 157 एफआईआर दर्ज की गईं। इसके अलावा महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और गुजरात ने भी प्रभावी निगरानी और त्वरित कानूनी कार्रवाई का उदाहरण पेश किया।
महाराष्ट्र में 42,500 से अधिक जांचें, राजस्थान में 11,000 से अधिक निरीक्षण, और बिहार में 14,000 जांचों के दौरान अनेक लाइसेंस निलंबित किए गए। इन कठोर कदमों से फर्टिलाइज़र की कृत्रिम कमी, जमाखोरी और मूल्यवृद्धि पर अंकुश लगा तथा किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराई जा सकी। सरकार का कहना है कि इन सख्त उपायों से बाजार अनुशासन मजबूत हुआ, कृषि उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा और देशभर में उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है। Fertilizer Ministry News














