कछुआ चाल से चल रही क्रिटिकल केयर यूनिट निर्माण की प्रक्रिया, अधिकारियों का कहना अभी लगेगा समय

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Kaithal कछुआ चाल से चल रही क्रिटिकल केयर यूनिट निर्माण की प्रक्रिया, अधिकारियों का कहना अभी लगेगा समय

सच कहूँ/ कुलदीप नैन कैथल। जिला नागरिक अस्पताल में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत क्रिटिकल केयर यूनिट का निर्माण होना है। लेकिन इसके निर्माण की प्रक्रिया कछुआ चाल से चल रही है। स्वास्थ्य विभाग को भी नहीं पता अभी इसके निर्माण में कितना समय लगेगा। नए अस्पताल में जगह चयन के बाद मिट्टी के सैंपल लिए गए थे जो करीब दो महीने पहले पास हो चुके है। उसके बाद इसके निर्माण प्रक्रिया ढीली ही चल रही है।

विभाग के अधिकारियो का कहना है कि अभी इसके निर्माण में समय लगेगा लेकिन कितना समय लगेगा इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं है। इसका निर्माण केंद्र सरकार की ओर से किया जाना है। इसलिए अभी कुछ स्पष्टीकरण बाकी है, इसके बाद ही निर्माण प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। अब देखना होगा कि जिले में कब तक मरीजों को इसका इंतजार करना होगा।

विशेषज्ञ डॉक्टरों की होगी नियुक्ति

क्रिटिकल केयर सेंटर के निर्माण होने के बाद यहां आईसीयू से अधिक सुविधाएं मिलेंगी। इसके बनने के बाद सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले लोगों को जल्द इलाज मिलेगा। उन्हें दूसरे चंडीगढ़, पटियाला या रोहतक में रेफर करना पड़ता है। क्रिटिकल केयर सेंटर बनने के बाद घायल मरीजों को तुरंत इलाज मिलेगा। इस स्थिति में उनके जान बचे सकेगी। इस सेंटर में अलग से डॉक्टरों की भी नियुक्ति की जाएगी। इसमें एनस्थिजिया, सर्जन और क्रिटिकल केयर सेंटर के विशेषज्ञ डॉक्टर भी नियुक्त किया जाएगा।

जगह चयन में आई मुश्किले

इसकी घोषणा के बाद से इसके निर्माण के लिए जगह के चयन में दिक्कत आई। दो बार तो जगह बदली गई। कभी पुराना अस्पताल तो कभी नया अस्पताल में जगह निर्धारित की गई। आखिरकार नए अस्पताल में इसके निर्माण की मंजूरी दी गई है। क्रिटिकल केयर के निर्माण के बाद रोहतक या चंडीगढ़ पीजीआई जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

निर्माण प्रक्रिया चल रही है, : सीएमओ

सिविल सर्जन डॉ. रेनू चावला ने बताया कि क्रिटिकल केयर सेंटर का निर्माण आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के तहत होना है। निर्माण प्रक्रिया चल रही है। नए अस्पताल में मिट्टी के सैंपल पास हो चुके है। इसका निर्माण केंद्र सरकार के तहत सीपीडब्ल्यूडी द्वारा किया जाना है। इसलिए केंद्र सरकार ने ही आगामी प्रक्रिया पर निर्णय लेना है।