पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश से पटियाला के गांवों में बाढ़ का खतरा गहराया
- पिछले वर्षों की तबाही की याद से सहमे लोग
डकाला (सच कहूँ/राम सरूप पंजोला)। Dakala News: पंजाब-हरियाणा सीमा से सटे पटियाला जिले के कई गांवों में लगातार हो रही बारिश ने बाढ़ की आशंका को गहरा कर दिया है। डैमों से पानी छोड़े जाने की खबरों ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी है। उन्हें पिछले वर्षों की विनाशकारी बाढ़ की याद सताने लगी है। जानकारी के अनुसार, पटियाला जिले के दर्जनों गांव धरमहेड़ी, ससा गुजरां, ससा थेह, ससी ब्राह्मणां, हसनपुर मागटा, बीबीपुर, बुधमोर, अदालती वाला, नौगांव,
अलीपुर, चुरासो आदि लंबे समय से बाढ़ की मार झेलते रहे हैं। इस क्षेत्र से घग्गर नदी के अलावा टांगरी, मीरांपुर चोअ, मारकंडा और कई अन्य बरसाती नाले गुजरते हैं। बरसात में इन नदियों का पानी धरमहेड़ी के पास जमा होकर हांसी-बुटाना नहर में प्रवेश करता है और वहां से सैलाब का रूप लेकर दर्जनों गांवों में तबाही मचाता है। Patiala News
किसानों की चिंता बढ़ी | Patiala News
किसानों का कहना है कि धान की रोपाई पूरी हो चुकी है, लेकिन पानी भरने की आशंका से उन्होंने पनीरी का अतिरिक्त प्रबंध कर रखा है ताकि जरूरत पड़ने पर दोबारा रोपाई की जा सके। ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारें हर बार बाढ़ नियंत्रण के पुख्ता प्रबंधों का वादा करती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठातीं। नुकसान की भरपाई के नाम पर केवल नाम मात्र का मुआवजा दिया जाता है। अब जब लगातार बारिश और डैमों से पानी छोड़े जाने की खबरें आ रही हैं, तो लोगों की नींद उड़ी हुई है। वे भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि इस बार गांवों को बाढ़ के कहर से बचाया जा सके।
रावी नदी उफान पर, 7 गांवों का संपर्क टूटा | Patiala News
गुरदासपुर। Gurdaspur News: लगातार बारिश के कारण मंगलवार को रावी नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे कई गांवों और घरों में पानी भर गया। हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और आसपास के क्षेत्रों में दो दिन से जारी बारिश ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। इसी तरह दीनानगर-नरोट जैमल सिंह रोड पर गांव पम्मा के पास मंगलवार सुबह पांच बजे धुस्सी बांध में दरार आ गई, जिससे पानी गांव पम्मा और कोहलियां में फैल गया।
बाढ़ का पानी अब किलपुर और उदीपुर एमां गांवों की ओर बढ़ रहा है। मकौड़ा पत्तन क्षेत्र के चक्क राम सहाय और मकौड़ा गांव भी पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं। रावी और उज्ज नदियों के उफान के कारण पाकिस्तान सीमा से सटे सात गांव झ्र तूर, चेबे, भरियाल, लसियान, मम्मी चक्क रंगा, कजले और झूंबर- पिछले तीन दिनों से बाकी क्षेत्र से कटे हुए हैं। प्रशासन ने मंगलवार को जिले के सभी सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया।
एसडीएम और डीएसपी ने लिया सरहिंद नहर की स्थिति का जायजा, स्थिति नियंत्रण में
सुनाम उधम सिंह वाला। Sunam Udham Singh Wala News: भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के बाद पंजाब की नदियों, नहरों और नालों में जलस्तर बढ़ गया था, जो अब नियंत्रण में है। स्थानीय सरहिंद नहर में भी पिछले दिनों जलस्तर बढ़ा था, लेकिन अब यह काफी हद तक कम हो गया है। मंगलवार को सुनम के उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) प्रमोद सिंगला और डिप्टी सुपरिंटेंडेंट आॅफ पुलिस (डीएसपी) हरविंदर सिंह खेहरा ने अन्य विभागीय अधिकारियों के साथ सरहिंद नहर और आसपास के क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया।
एसडीएम प्रमोद सिंगला ने बताया कि हाल ही में जल स्रोतों में 300 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसके कारण जलस्तर में वृद्धि हुई थी। अब पानी का प्रवाह बंद होने से सुनम से गुजरने वाली सरहिंद नहर और अन्य नहरों-नालों में जलस्तर लगातार घट रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि आगामी दिनों में जलस्तर बढ़ने की आशंका नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई खतरा नहीं है, फिर भी प्रशासन ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए हैं। उन्होंने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और प्रशासन पर भरोसा रखने की अपील की।