Welfare Work: ब्लॉक भट्टू कलां के प्रेमी मोहन लाल इन्सां के मरणोंपरांत भी दुनिया देखेगी उनकी आँखें

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भट्टू कलां ब्लॉक के आठवें नेत्रदानी बने प्रेमी मोहन लाल

भट्टू कलां (सच कहूँ/मनोज सोनी)। गांव मेहुवाला निवासी सचखंडवासी प्रेमी मोहन लाल पुत्र राममूर्ति 15 नवंबर को अपनी सांसारिक यात्रा पूर्ण कर कुल मालिक के चरणों में जा बिराजे। जीवन के अंतिम क्षणों में भी उन्होंने मानवता की अनूठी मिसाल पेश करते हुए डेरा सच्चा सौदा की महान मुहिम  ‘नेत्रदान-जीवनदान’ को अपनाया और अपनी दोनों आंखें सच्चा सौदा अस्पताल में दान कर दीं। उनकी इस पावन सेवा से दो जरूरतमंद व्यक्तियों को नई दृष्टि प्राप्त हुई, जिनके जीवन में अब अंधकार की जगह उजाला फैल गया है। प्रेमी मोहनलाल का यह कार्य न केवल प्रेरणादायी है, बल्कि समाज में मानवता की विचारधारा को और अधिक मजबूत करता है। Fatehabad News

दो जरूरतमंदों को मिली नई रोशनी

इस पुनित सेवाधर्म के साथ वे भट्टू कलां ब्लॉक के आठवें नेत्रदानी बने। उनका नाम अब उन चुनिंदा महान व्यक्तित्वों में शामिल हो गया है, जिन्होंने मृत्यु के उपरांत भी मानवता की सेवा को प्राथमिकता दी। परिवार में भी भावुकता और गर्व का माहौल है। उनके बेटे जिले सिंह और वेद प्रकाश ने कहा कि उनके पिता ने जीवनभर मानवता की सेवा को अपना कर्तव्य माना। अंतिम क्षणों में भी उन्होंने दूसरों के जीवन में उजियारा भरकर एक अविस्मरणीय प्रेरणा छोड़ी है। गांव मेहुवाला सहित पूरे क्षेत्र में उनके नेत्रदान की व्यापक चर्चा है। ग्रामीणों, श्रद्धालुओं और समाजसेवियों ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि प्रेमी मोहन लाल का जीवन सेवा, समर्पण और मानवता की अनूठी मिसाल था। Fatehabad News