New Year Gift: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो (IndiGo) ने साल 2026 की शुरुआत अपने पायलटों के लिए बेहद खास बना दी है। कंपनी ने पायलटों को मिलने वाले विभिन्न भत्तों (Allowances) में बड़ी बढ़ोतरी का ऐलान किया है, जिससे उनकी टेक-होम सैलरी में उल्लेखनीय इजाफा होगा। यह नया सैलरी स्ट्रक्चर 1 जनवरी 2026 से लागू होगा। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब भारतीय विमानन उद्योग पायलटों की कमी, नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों और लगातार हो रहे फ्लाइट कैंसलेशन जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है।
पायलटों के भत्तों में कितना इजाफा? जानिए नया सैलरी स्ट्रक्चर | New Year Gift
- इंडिगो ने डोमेस्टिक लेऑवर, नाइट ड्यूटी, ट्रांजिट और अन्य विशेष भत्तों में अहम बदलाव किए हैं।
- डोमेस्टिक लेऑवर अलाउंस (24 घंटे तक)
- कैप्टन: ₹2,000 से बढ़ाकर ₹3,000 प्रति घंटा
- फर्स्ट ऑफिसर: ₹1,000 से बढ़ाकर ₹1,500 प्रति घंटा
👉 यदि लेऑवर 24 घंटे से अधिक होता है तो:
- कैप्टन को ₹150 प्रति घंटा अतिरिक्त
- फर्स्ट ऑफिसर को ₹75 प्रति घंटा अतिरिक्त मिलेगा
2️⃣ नाइट ड्यूटी और ट्रांजिट अलाउंस
नाइट ड्यूटी (शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक)
- कैप्टन: ₹2,000
- फर्स्ट ऑफिसर: ₹1,000
- ट्रांजिट अलाउंस (90 मिनट से अधिक)
- कैप्टन: ₹1,000 प्रति घंटा
- फर्स्ट ऑफिसर: ₹500 प्रति घंटा
3️⃣ अन्य विशेष भत्ते
- डेडहेड अलाउंस
- कैप्टन: ₹4,000
- फर्स्ट ऑफिसर: ₹2,000 (प्रति शेड्यूल्ड ब्लॉक ऑवर)
- टेल-स्वैप (Tail Swap)
- कैप्टन: ₹1,500 प्रति स्वैप
- फर्स्ट ऑफिसर: ₹750 प्रति स्वैप
फरवरी 2026 तक उड़ान संचालन होगा स्थिर: इंडिगो
सैलरी बढ़ोतरी के साथ इंडिगो ने यात्रियों को भी राहत देने का दावा किया है। कंपनी का कहना है कि फरवरी 2026 तक फ्लाइट ऑपरेशन्स पूरी तरह स्थिर हो जाएंगे। पायलटों की कमी और नेटवर्क संबंधी समस्याओं के कारण जो उड़ानें रद्द हो रही थीं, उन पर अब काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा।
कंपनी का मानना है कि बेहतर आर्थिक प्रोत्साहन मिलने से पायलटों की ड्यूटी के प्रति भागीदारी और उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे यात्रियों को समय पर और भरोसेमंद सेवाएं मिलेंगी।
क्यों लिया गया यह बड़ा फैसला?
एविएशन एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नए FDTL नियमों के लागू होने से एयरलाइंस पर ऑपरेशनल दबाव बढ़ गया है। ये नियम पायलटों के आराम, थकान और सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाए गए हैं, लेकिन इससे उड़ानों की प्लानिंग जटिल हो गई है। इंडिगो ने इस चुनौती से निपटने के लिए टैलेंट रिटेंशन और पायलट शॉर्टेज को प्राथमिकता दी है और आर्थिक प्रोत्साहन को सबसे प्रभावी समाधान माना है।
बढ़ी हुई सैलरी और भत्तों का भुगतान फरवरी 2026 से सिस्टम में अपडेट होकर मिलना शुरू होगा।
इंडिगो का यह कदम न सिर्फ पायलटों के लिए राहत भरा है, बल्कि इससे भारतीय विमानन उद्योग में स्थिरता और भरोसे की उम्मीद भी बढ़ी है। बेहतर सैलरी, संतुलित ड्यूटी और मजबूत ऑपरेशन्स—तीनों का फायदा अंततः यात्रियों को ही मिलेगा।















