INS Surat: दुश्मन के लिए आईएनएस सूरत के सीओ का ये ऐलान 

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INS Surat: दुश्मन के लिए आईएनएस सूरत के सीओ का ये ऐलान 

“हम तैयार हैं”: आईएनएस सूरत से देशवासियों और दुश्मनों को स्पष्ट संदेश

सूरत (गुजरात): भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनावपूर्ण माहौल के बीच भारतीय नौसेना के अत्याधुनिक विध्वंसक युद्धपोत ‘आईएनएस सूरत’ ने एक सशक्त संदेश दिया है—”हम हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं।” इस युद्धपोत के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन संदीप शोरेय ने गुरुवार को सूरत में यह बात कही, जहां यह जहाज एक दिन के लिए जनता के दर्शनार्थ खोला गया। INS Surat

आईएनएस सूरत इस वर्ष जनवरी 2025 में नौसेना में शामिल हुआ था। इसका नाम गुजरात के सूरत शहर के नाम पर रखा गया है, और अब इसे उस शहर में लाकर नागरिकों को उसका दर्शन कराया गया। कैप्टन संदीप शोरेय ने इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “दुश्मन हो या मित्र, सभी के लिए यही संदेश है कि भारतीय नौसेना हर चुनौती के लिए तैयार है। देश ने हमें जिस कार्य के लिए तैयार किया है, हम उस दायित्व को पूरी निष्ठा से निभाने को तत्पर हैं।” सूरत के अदाणी हजीरा पोर्ट पर जहाज को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उपस्थित हुए।

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“आईएनएस सूरत भारत की ताकत, आत्मनिर्भरता और गौरव का प्रतीक

इस अवसर पर भाजपा के राज्यसभा सांसद गोविंदभाई ढोलकिया ने कहा, “आईएनएस सूरत भारत की ताकत, आत्मनिर्भरता और गौरव का प्रतीक है। यह जहाज दर्शाता है कि भारत अब किसी से पीछे नहीं है—चाहे चीन हो या पाकिस्तान। हम हर दिशा में अपने जलसीमा की रक्षा करने में सक्षम हैं। ढोलकिया ने पाकिस्तान की बयानबाज़ी पर टिप्पणी करते हुए कहा, “जो अधिक बोलता है, वह कम करता है। भारत दिखाने में विश्वास करता है और वह आज सक्षम है।” कैप्टन शोरेय ने यह भी कहा कि सीमा पर चुनौतियाँ कोई नई बात नहीं हैं।

“देश की सीमाओं पर समस्याएँ पहले भी थीं, आज भी हैं और आगे भी रहेंगी। लेकिन आज का दिन गर्व और सम्मान का है। यह सूरत के नागरिकों के लिए गौरव की बात है कि एक भारतीय युद्धपोत का नाम उनके शहर के नाम पर रखा गया है।” आईएनएस सूरत के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यह युद्धपोत लगभग 7,600 टन भारवहन क्षमता वाला है और यह मिसाइल प्रणाली, आधुनिक तोपें, दो हेलीकॉप्टर, एंटी-सबमरीन हथियार प्रणाली और रडार तकनीक से लैस है। उन्होंने जोर देकर कहा, “यह पूरी तरह स्वदेशी जहाज है। इसमें प्रयुक्त स्टील भारत में निर्मित है, और इसके 75 प्रतिशत से अधिक पुर्जे देश में ही बने हैं। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके हर हिस्से में देशभक्ति की भावना समाहित है।” INS Surat

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