Share Market News: मुंबई (एजेंसी)। भारतीय शेयर बाजारों में दो दिन की तेजी के बाद गुरुवार को गिरावट रही। बीएसई का सेंसेक्स 375.24 अंक यानी 0.45 प्रतिशत लुढ़ककर 82,259.24 अंक पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 100.60 अंक टूटकर 25,111.45 अंक पर रहा जो 0.40 प्रतिशत की गिरावट है।
सुबह के कारोबार में बाजार हरे निशान में खुले थे, लेकिन कुछ ही देर बाद गिरावट में चले गये। दोपहर बाद बाजार की गिरावट बढ़ती गई। निफ्टी-50 ने 18.70 अंक की बढ़त में 25,230.75 अंक पर शुरूआत की। यह 25,230.75 अंक तक चढ़ा, लेकिन फिर बाजार में बिकवाली हावी हो गयी। आईटी और बैंकिंग क्षेत्र की कंपनियों में निवेशकों ने बिकवाली की।
आशिका समूह के आशिका स्टॉक ब्रोकिंग ने बताया कि आज के कारोबार में निवेशकों की धारणा में तेजी से बदलाव देखा गया। बाजार में ओवरआॅल गिरावट के बीच रियलिटी, धातु, टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद और फार्मा सेक्टरों में तेजी रही। आईटी, बैंकिंग और वित्तीय सेवा सेक्टरों पर दबाव रहा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल की जमकर आलोचना की है। इससे पावेल के भविष्य और फेडरल रिजर्व की नीतियों को लेकर बाजार में अनिश्चितता पैदा हो गयी है। इसके अलावा, ट्रंप ने यह भी कहा है कि भारत को लेकर टैरिफ के बारे में जल्द फैसला संभव है। इससे भी निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं।
आशिका स्टॉक ब्रोकिंग के अनुसार, फेड प्रमुख को लेकर बनी अनिश्चितता के बीच वैश्विक स्तर पर निवेशकों का विश्वास डगमगाया है। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि पावेल को पद से हटाने का उनका कोई इरादा नहीं है, लेकिन इससे निवेश धारणा में कुछ खास सुधार नहीं हुआ है और निवेशक सावधानी बरत रहे हैं।
सेंसेक्स की 30 में से 23 कंपनियां लाल निशान में रहीं। टेक्नोलॉजी कंपनी के शेयर सबसे ज्यादा 2.76 प्रतिशत लुढ़क गये। इंफोसिस में 1.61 प्रतिशत और एचसीएल टेक में 1.20 प्रतिशत की गिरावट रही। टाटा स्टील के शेयर सबसे अधिक 1.62 प्रतिशत चढ़े।
चौतरफा बिकवाली से एनएसई में ज्यादा कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने सूचकांक भी दबाव में रहे। निफ्टी-100 में 0.37 प्रतिशत, निफ्टी मिडकैप-100 में 0.17 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप-100 में 0.12 प्रतिशत की गिरावट रही।
एनएसई में रियलिटी, टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद, स्वास्थ्य, धातु, फार्मा और एफएमसीजी सेक्टरों में निवेशकों ने पैसा लगाया। वहीं, आईटी, आॅटो, वित्तीय सेवाओं, पीएसयू बैंक, निजी बैंक और तेल एवं गैस सेक्टरों के शेयरों में गिरावट रही। वैश्विक स्तर पर एशियाई बाजारों में मिलाजुला रुख रहा। जापान का निक्केई और चीन का शंघाई कंपोजिट हरे निशान में बंद हुए जबकि हांगकांग के हैंगसेंग में हल्की गिरावट रही। यूरोपीय बाजार हरे निशान में कारोबार कर रहे थे।
दुनिया की दूसरी प्रमुख मुद्राओं के बास्केट में डॉलर में तेजी दर्ज की गयी। कच्चा तेल भी मजबूत हुआ जबकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सोने-चांदी में नरमी रही।