पुलिस को दिया 10 दिन का अल्टीमेटम
- चांदपुरा में नवजात कन्या भ्रूण मिलने के मामले में अब तक नहीं हुई कार्रवाई
- ग्रामीणों ने पुलिस पर ढिलाई बरतने का लगाया आरोप
जाखल (सच कहूँ/तरसेम सिंह)। Jakhal News: गांव चांदपुरा में करीब सप्ताह पहले नाली किनारे मिले पांच माह के नवजात कन्या भ्रूण के मामले ने पूरे क्षेत्र में आक्रोश की लहर फैला दी है। ग्रामीणों ने गुरुवार को जाखल पुलिस थाना के समक्ष एकत्र होकर सांकेतिक धरना प्रदर्शन किया और पुलिस प्रशासन को 10 दिन का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी कि अगर दोषियों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे जिला कार्यालय पर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इतने गंभीर मामले में पुलिस की जांच बेहद धीमी गति से चल रही है और अब तक किसी भी आरोपी का सुराग नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक परिवार या गांव नहीं, बल्कि पूरे समाज का मामला है और कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों को जड़ से खत्म करने के लिए दोषियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए।
थाना प्रभारी ने कहा— ‘जांच जारी, कोई निर्दोष नहीं फंसाया जाएगा’
धरने के दौरान मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी उपनिरीक्षक सुरेश कुमार ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि पुलिस ने जांच की रफ्तार धीमी नहीं की है। उन्होंने कहा, ‘मामला बेहद संवेदनशील है। पुलिस कानूनी प्रक्रिया के तहत जांच कर रही है और कुछ अहम सुराग भी मिले हैं। किसी निर्दोष को नहीं फंसाया जाएगा, लेकिन दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।’ उन्होंने ग्रामीणों से भी अपील की कि यदि किसी के पास कोई जानकारी या सुराग है तो पुलिस को सहयोग करें, ताकि असली गुनाहगार तक जल्द पहुंचा जा सके।
नेताओं और संगठनों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग | Jakhal News
धरने में ब्लॉक समिति सदस्य रामचंद्र, समाजसेवी काला ग्रेवाल, युवा नेता आदित्य बंसल, पगड़ी संभाल जट्टा के प्रदेश सदस्य जग्गी महल, डॉ. भीमराव अंबेडकर अधिकार मंच के प्रधान बीकर सिंह, किसान नेता संसार सिंह, पूर्व सरपंच निर्मल सिंह सहित कई सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, महिलाएं और स्कूली छात्राएं बड़ी संख्या में मौजूद रहीं। सभी ने एक स्वर में कहा कि जब तक सच्चाई सामने नहीं आती, वे चैन से नहीं बैठेंगे।
क्या है पूरा मामला
22 अक्तूबर की सुबह गांव चांदपुरा में गुरुद्वारा के पास नाली किनारे लगभग पांच माह का कन्या भ्रूण पड़ा मिलने से गांव में सनसनी फैल गई थी। सूचना मिलने पर जाखल पुलिस ने भ्रूण को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अग्रोहा मेडिकल कॉलेज भेजा। लेकिन बाद में पुलिस प्रशासन द्वारा बिना ग्रामीणों को विश्वास में लिए भ्रूण का अंतिम संस्कार फतेहाबाद की शिवपुरी सुधार सभा में कर दिया गया, जिससे गांववासियों में भारी नाराजगी फैल गई। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन ने उनके भावनाओं की अनदेखी की और बिना परामर्श के निर्णय लिया।
ग्रामीण बोले— यह समाज की नैतिकता पर गहरी चोट
ग्रामीणों का कहना है कि यह घटना समाज में गिरती नैतिकता का प्रतीक है और कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों को जड़ से मिटाने के लिए सभी को एकजुट होना होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आने वाले दिनों में जांच में प्रगति नहीं हुई तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन शुरू करेंगे। Jakhal News
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