Sindh Canal Project: सिंध, पाकिस्तान। सिंध प्रांत के नौशहरो फिरोज ज़िले में प्रस्तावित नहर परियोजना के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस की ओर से लाठीचार्ज और कथित गोलीबारी की गई, जिससे 2 प्रदर्शनकारी की मृत्यु हो गई और कई अन्य घायल हो गए। यह घटना मोरो नगर में घटी, जहाँ स्थानीय नागरिकों ने नहर निर्माण के विरोध में मोटरवे बाईपास मार्ग अवरुद्ध कर दिया था। प्रशासन द्वारा मार्ग को पुनः सुचारु करने के प्रयासों के दौरान स्थिति बिगड़ गई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया। स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस दौरान हुई गोलीबारी से प्रदर्शन और अधिक उग्र हो गया। क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं और प्रशासन हालात पर निगरानी बनाए हुए है। Sindh Violent
इसी संदर्भ में सिंधी राष्ट्रवादी संगठन ‘सिंध सभा’ ने हैदराबाद में प्रेस क्लब के पास एक बैठक आयोजित करनी चाही, परंतु कड़े सुरक्षा प्रबंधों और मार्गों पर लगाए गए अवरोधों के कारण यह सभा पूरी नहीं हो सकी। संगठन के कुछ नेताओं को पुलिस ने सभा स्थल पर ही रोक लिया। हालांकि, बाद में वकीलों की एक टीम की मध्यस्थता से उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। ‘सिंध सभा’ लंबे समय से सिंधी कार्यकर्ताओं के जबरन लापता किए जाने और प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के विरुद्ध संघर्षरत है। हालिया सम्मेलन “आइए, मिलकर सिंध की धरती को बचाएं” विषय पर आयोजित किया गया था, जिसमें विभिन्न राष्ट्रवादी संगठनों को एक मंच पर लाया गया।
सिंध सभा के 50 कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर प्रदर्शन किया
स्थानीय समाचार पत्रों के अनुसार, सिंध सभा के लगभग 50 कार्यकर्ताओं ने अशफाक मलिक के नेतृत्व में सड़कों पर प्रदर्शन किया। वे चोलिस्तान सिंचाई योजना और कॉर्पोरेट खेती के अंतर्गत नहरों के निर्माण का विरोध कर रहे थे। इस परियोजना की शुरुआत 15 फरवरी को की गई थी, जिसे लेकर सिंध के लोगों में गहरा असंतोष है। उन्हें आशंका है कि सिंधु नदी का जल दक्षिण पंजाब की खेती के लिए मोड़ा जाएगा, जिससे सिंध को जल संकट का सामना करना पड़ेगा। मार्च माह में सिंध विधानसभा ने इस परियोजना के विरोध में एकमत से प्रस्ताव पारित किया था, जिससे क्षेत्रीय चिंता की गंभीरता स्पष्ट होती है। सत्तारूढ़ गठबंधन के कई दल, जिनमें पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी भी शामिल है, पहले ही इस योजना को रद्द करने की मांग कर चुके हैं।
पाकिस्तान में बढ़ते असंतोष के बीच भारत-पाक संबंध भी तनावपूर्ण हो गए हैं। 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले में आतंकियों द्वारा 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद भारत ने सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार की घोषणा की। इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने अप्रैल माह में घोषणा की कि जब तक सभी संबंधित पक्षों की सहमति नहीं बनती, तब तक नहर निर्माण कार्य रोका जाएगा। हालांकि, सिंध के नागरिकों और अधिवक्ताओं का आक्रोश शांत नहीं हुआ है। वे चोलिस्तान परियोजना को पूर्णतः रद्द किए जाने की माँग पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि जब तक उनकी माँगें पूरी नहीं होतीं, वे धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। Sindh Violent
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