
Asia Cup News: मुंबई (एजेंसी)। एशिया कप के लिए उपकप्तान नियुक्त किये जाने से यह तो तय हो गया है कि इस बल्लेबाज ने ऊंची छलांग लगाई है। एशिया कप के लिए भारतीय टीम की घोषणा के समय चयनकर्ता प्रमुख अजीत अगरकर से पूछा गया कि क्या शुभमन गिल की सभी प्रारूपों के कप्तान के रूप में ताजपोशी शुरू हो चुकी है, प्रेस कॉन्फ्रेंस में अगरकर के साथ सूर्यकुमार यादव की मौजूदगी में यह सवाल थोड़ा अजीब लग रहा था, लेकिन फिर यही हकीकत लगती है – या यूं कहें कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य। भारतीय क्रिकेट में गिल युग की अच्छी और सही शुरूआत हो गई है, भले ही वह वर्तमान में केवल ट्वेंटी20 प्रारूप में ही उप-कप्तान हैं। एशिया कप के लिए भारतीय टीम की घोषणा के बाद, चयनकतार्ओं के अध्यक्ष ने इस युवा खिलाड़ी की जमकर सराहना करते हुए कहा, ”हमें उनमें नेतृत्व के गुण नजर आते हैं, और इंग्लैंड में उनका प्रदर्शन वैसा ही रहा जैसी हमें उम्मीद थी। उन्होंने हमारी सभी उम्मीदों को पार कर दिया। एक कप्तान के तौर पर जब आप पर इतना दबाव होता है, तब उन्होंने अपने बल्ले से जिस तरह का प्रदर्शन किया, वह एक बेहतरीन संकेत है।”
गिल ने आखिरी बार एक साल से भी ज्यादा समय पहले (जुलाई 2024 में श्रीलंका में) टी20 मैच खेला था, और मंगलवार (19 अगस्त) को चयन बैठक से कुछ घंटे पहले तक ऐसा लग रहा था कि वह एशिया कप में नहीं खेलेंगे। फिर भी, वह टीम के उप-कप्तान हैं, सूर्यकुमार के बाद टीम के दूसरे सबसे महत्वपूर्ण सदस्य हैं, और टीम प्रबंधन का हिस्सा हैं जो अहम फैसले लेगा।
बीसीआई चाहता है भारत-पाकिस्तान का मैच जरूर हो |Asia Cup News
देशवासियों के भारी विरोध के बीच एशिया कप में पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने को लेकर भारत ने अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है। सोमवार को एशिया कप टी20 क्रिकेट टूनार्मेंट के लिए भारतीय टीम का ऐलान हो गया है। अगले महीने यूएई में यह टूनार्मेंट आयोजित होने वाला है। भारत में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की घटनाओं और आॅपरेशन सिंदूर के बाद यही माना जा रहा था कि जब तक शांति बहाल नहीं हो जाती, तब तक दोनों देशों के बीच किसी प्रकार का खेल नहीं होगा. पर शर्म की बात यह है कि बीसीसीआई खुद आगे बढ़कर इस टूनार्मेंट में भाग लेने के लिए बेकरार है और पाकिस्तान के साथ मैचे खेलेंगे या नहीं, इस पर चुप्पी साधे है।
भारत के साथ इस टूर्नामेंट में पाकिस्तान के साथ खेलने की कोई मजबूरी नहीं थी। टूर्नामेंट की मेजबानी भारत के पास थी। ऐसे में यह मौका था कि वह पाकिस्तान को इस टूर्नामेंट में अलग-थलग कर सके। लेकिन पाकिस्तान के मना करने के बाद इसे यूएई में ले जाया गया है। जाहिर है कि बीसीसीआई किसी भी कीमत पर चाहता है कि भारत-पाकिस्तान का मैच जरूर हो, रेवन्यू से जुड़ा स्वार्थ जो है।
टूनार्मेंट में अफगानिस्तान, हांगकांग, यूएई, बांग्लादेश, श्रीलंका और ओमान की टीमें भी खेल रही हैं. केवल बीसीसीआई ही नहीं राजनीतिक नेतृत्व भी पाकिस्तान को लेकर शायद कन्फ्यूज है। यही कारण है कि भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने का एक बढ़िया मौका गवां दिया. शायद इच्छाशक्ति ही कमी ही है कि हमारी सरकार पाकिस्तान को लेकर सॉफ्ट रुख अपनाने को मजबूर है।