107 वर्षीय मरीज की एंजियोप्लास्टी कर बचाई जान

हार्ट अटैक की शिकायत लेकर इमरजेंसी में लाया गया था मरीज

  • एसएसबी अस्पताल के चिकित्सकों को मिली सफलता

फरीदाबाद (सच कहूँ/राजेंद्र दहिया)। एसएसबी अस्पताल ने हार्ट अटैक से पीड़ित 107 साल के मरीज की एंजियोप्लास्टी कर उसे नया जीवन दिया। 14 अप्रैल 1915 को जन्मी भूतपूर्व सैनिक की पत्नी को सीने में दर्द के साथ एसएसबी हार्ट एवं मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल फरीदाबाद की इमरजेन्सी में लाया गया और डॉ. एस.एस. बंसल और उनकी टीम द्वारा जांच करने पर पता चला कि उन्हें मेजर हार्ट अटैक आया था। बिना समय गंवाए उन्हें कैथ-लैब में एंजियोग्राफी प्रक्रिया के लिए ले जाया गया। एंजियोग्राफी करने पर पाया गया कि हार्ट में ब्लॉक के साथ बड़े थक्के एल.ए.डी. नस में 99 प्रतिशत ब्लॉक था, जिससे दिल का दौरा पड़ा। परिजनों की सहमति के बाद बैलून और स्टेंट से नस को खोला गया। प्रक्रिया के तुरन्त बाद रोगी स्थिर हो गया।

यह भी पढ़ें:– जीएम सरसों फायदा एक चिंताएं अनेक

उन्हें एक दिन तक कोरोनरी केयर यूनिट में निगरानी में रखा गया और वह स्थिर रहीं। बाद में उन्हें स्वस्थ अवस्था में छुट्टी दे दी गई। अस्पताल के निदेशक एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एस.एस. बंसल ने बताया कि यह मामला समाज के लिए आँखें खोलने वाला है कि अगर समय रहते हृदयाघात की पहचान कर कार्यवाई की जाए और एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग द्वारा हृदय की अवरूद्ध धमनी को खोल दिया जाए तो अत्यन्त वृद्ध रोगियों को भी बचाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि गैर-सर्जिकल दिल के दौरे के उपचार में तकनीक इतनी उन्नत हो गई है कि वर्ल्ड के अच्छे केन्द्रों में एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग के गैर-सर्जिकल तरीकों से बहुत बुजुर्ग हृदय रोगियों का भी सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है। दिल के दौर के आपातकालीन उपचार के लिए कोई उम्र बाधा नहीं है और यह एस. एस.बी हार्ट एवं मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।