Sangrur (गुरप्रीत चीमा)। पंजाब के संगरूर जिले में जहरीली शराब पीने से 8 लोगों की मौत हो गयी है। पुलिस ने बताया कि घटना मंगल रात की और दिरबा तहसील के गुर्जन गाँव की है।
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार | Sangrur
पुलिस ने इस प्रकरण में दो आरोपियों मनप्रीत सिंह और सुखविंदर सिंह को गिरफ्तार किया है। मनप्रीत सिंह को जनवरी में ही जहरीली शराब के एक और मामले में जेल भेजा गया था और हाल में जमानत पर बाहर आया था। प्रकरण की गहन जांच के लिये एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) बनायी गयी है, जो अपनी रिपोर्ट 72 घंटे में देगी।
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शराब का कहर | Sangrur
पंजाब के जिला संगरूर के दिड़बा क्षेत्र में शराब का सेवन करने से चार लोगों की मृत्यु हो गई। सरकारी और कानूनी भाषा में इसे जहरीली शराब बताया जा रहा है, लेकिन वास्तव में शराब जहरीली ही होती है, भले ही वह ठेके पर बेची जाए या कोई शराब माफिया बेचे। प्रत्येक वर्ष देश में किसी न किसी राज्य में जहरीली शराब के सेवन करने से सैकड़ों लोगों की जानें चली जाती हैं। एक बार तो सरकारें भी सक्रिय हो जाती हैं और ‘नकली शराब’ बेचने वालों को गिरफ्तार किया जाता है, लेकिन ठेकों पर शराब की बिक्री ज्यों की त्यों जारी रहती है।
आश्चर्य की बात है कि राज्य सरकारों के स्वास्थ्य विभाग शराब से लीवर फेल होने के साथ-साथ कैंसर जैसी भयानक बीमारियां होने की चेतावनी देते हैं, इसके बावजूद सरकार शराब की बिक्री रोकने के प्रति गंभीर नहीं हैं। इसके विपरीत सरकार शराब से प्राप्त राजस्व के आंकड़ें बताकर गर्व महसूस करती है। विगत वर्षों में भी पंजाब के तरनतारन क्षेत्र में शराब के सेवन करने से लगभग 100 लोगों की जान चली गई थी। भले ही शराब को नकली कहें या असली, एक न एक दिन ऐसी भयानक घटनाएं फिर से होनी तय हैं। सांप को दूध पिलाकर उसके डंक से बचना मुश्किल है। बेहतर होगा, यदि सरकारें शराब के खिलाफ अभियान शुरूY करने के साथ-साथ शराबबंदी के बारे में भी सोचें।















