युवा सरपंच ने बदल दी ‘टप्पी’ की तस्वीर

पंचायती चुनावों की आहट पाते ही चौपालों में चर्चाओं का दौर है। कुछ पुराने सरपंच पुन: किस्मत आजमाने के लिए मैदान में उतरने के लिए रायशुमारी कर रहे हैं। तो वहीं सरपंच पद के नए चाहवानों ने भी लोगों की नब्जें टटोलनी शुरू कर दी हैं। भावी सरपंच लोगों को विकास व सेवा का आईना दिखा रहे हैं तो वहीं मौजूदा सरपंच विकास का लेखा-जोखा लोगों के सामने रखते हुए एक मौका और देने बात कह रहे हैं। अपने-अपने कार्यकाल में मौजूदा पंचायतों ने गांवों में क्या विकास करवाया और क्या अभी अधूरा है, इस पर सच-कहूँ अपने पाठकों को गांवों की विकास कार्यो की ग्राउंड रिपोर्ट से अवगत करवा रहा है। इसी के तहत हम आज आपको ओढां खंड के गांव टप्पी में मौजूदा ग्राम पंचायत के कार्यकाल मेंं हुए विकास कार्यो से रू-ब-रू करवा रहे हैं । इस गांव से वैसे तो कोई बड़ी शख्सियत या कोई उच्च पद पर नहीं है, लेकिन इस गांव को ब्राह्मणों का गांव कहा जाता है। क्योंकि यहां पर ब्राह्मण बिरादरी के लोगों की संख्या काफी है। दूसरी बात ये कि इस गांव की पूरी पंचायत सर्वसम्मति से चुनी गई थी। यहां के सरपंच द्वारा अपने कार्यकाल में विकास पर करीब 5 करोड़ से अधिक की राशि खर्च करने का दावा किया गया है।

इसी पर सच-कहूँ संवाददाता राजू ओढां की एक ग्राउंड रिपोर्ट :- ( Tappi Village Panchayat)

ओढां। जब विकास की बात आती है तो ओढां खंड में गांव टप्पी का नाम जरूर लिया जाता है। ये गांव आबादी के लिहाज से भले ही एक छोटा-सा गांव है, लेकिन यहां विकास कार्यों पर नजर दौड़ाई जाए तो एक बड़ी राशि विकास पर खर्च हुई है। गांव की बागडोर संभालते हुए युवा सरपंच धविन्द्र पाल शर्मा ने विकास पर करोड़ों रूपये खर्च कर गांव की तस्वीर बदलने का दम भरा है। हालांकि पूर्व पंचायत के समय में भी विकास पर मोटी राशि खर्च हुई लेकिन मौजूदा पंचायत व पूर्व पंचायत के बीच विकास कार्यों की तुलना करने पर सामने आया कि इस समय गांव विकास के पथ पर तेजी अग्रसर है। करीब 1300 की आबादी वाले इस गांव में पंचायत द्वारा अब तक करीब 5 करोड़ रूपये की राशि विकास पर खर्च किए जाने का दम भरा गया है।

Young sarpanch changed the picture of Tappi

पेयजल समस्या, खेल सुविधा व सड़कों पर रहा फोकस

सरपंच धविन्द्र पाल के कार्यकाल में रिकॉर्ड विकास हुआ है। इसका प्रमाण गांव के हर हिस्से में स्पष्ट तौर पर नजर आता है। सरपंच ने गांव की बागडोर संभालते ही गांव की 3 सबसे बड़ी समस्याओं को सुलझाने की प्रक्रिया शुरू की। पंचायत ने सर्वप्रथम रामबाग में करीब साढ़े 13 लाख से पाईप लाईन, डिग्गी, बरामदा, इन्टरलॉकिंग गली, शैड व गेट का निर्माण करवाया। इसके अलावा करीब 57 लाख से 14 इंटरलॉकिंग गलियों का निर्माण, करीब 19 लाख से जोहड़ की चारदीवारी व गऊ घाट, करीब साढ़े 4 लाख से युवाओं के लिए बॉलीबॉल का मैदान व जिम, करीब 38 लाख से सामुदायिक भवन व शैड का निर्माण, करीब साढ़े 9 लाख से स्कूल की चारदीवारी, आईबीपी सड़क, वॉटर कूलर, स्टेज, ट्री-गार्ड व ग्राउंड आदि, करीब पौने 3 लाख की लागत से सामान्य चौपाल व आंगनवाड़ी की मुरम्मत, करीब 4 लाख से जोहड़ से नहरी पानी की व्यवस्था, करीब 21 लाख से फाईव पोंड सिस्टम, 3 लाख से रिचार्ज बौरवेल, डेढ़ लाख से गांव में पत्थर व लकड़ी के बेंच बनवाए गए। सरपंच के मुताबिक गांव में विकास पर अब तक करीब 5 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है। पंचायत द्वारा लभगभग पूरे गांव को इंटरलॉकिंग करने के साथ-साथ पेयजल पाईप लाईन भी डाली गई।Young sarpanch changed the picture of Tappi

ये है सरपंच धविन्द्र पाल शर्मा के कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि

वैसे तो गांव में बड़े विकास कार्य हुए हैं लेकिन जल घर की स्थापना पंचायत की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। गांव की उत्पति के बाद से ही यहां पर जल घर नहीं था। ऐसे में नजदीकी गांव पिपली से पेयजल आपूर्ति होती थी। इस समस्या पर युवा सरपंच ने सराहनीय प्रयास करते हुए सीएम से जल घर स्वीकृत करवाया। जल घर पर पौने 2 करोड़ रूपये की राशि खर्च होने के बाद गांव की सबसे बड़ी पेयजल समस्या का हल हो गया। इसके अलावा पंचायत के प्रयासों से करीब 75 लाख रूपये की लागत से नए खाले का निर्माण करवाने से करीब 700 एकड़ भूमि सींचित हो रही है। हालांकि इस खाल की समय-समय पर मुरम्मत होती रही लेकिन नया खाल बनने के बाद किसानों की समस्या का स्थाई समाधान हो गया। वहीं गांव में सांझे कार्य के लिए जगह न होने के चलते सरपंच ने प्रयास करते हुए बड़ा सामुदायिक भवन बनवाया। इसके अलावा 90 लाख रूपये की लागत से टप्पी से मिठड़ी तक सड़क का निर्माण भी सरपंच के प्रयासों से मुक्कमल हुआ। सरपंच धविन्द्र पाल शर्मा के कार्यकाल की ये 4 बड़ी उपलब्धियां हैं जिसके लिए ग्रामीण उनके कार्यकाल की सराहना कर रहे हैं।

अपने कार्यकाल में जितना हो पाया उतना विकास करवाया

बीए तक शिक्षा ग्रहण कर मैं इंजिनियर बनने का इच्छुक था। लेकिन पारिवारिक मजबूरियों के चलते ऐसा नहीं हो पाया। मेरी ये शुरू से ही इच्छा थी कि अगर कभी मौका मिला तो मैं गांव की तस्वीर बदल दूंगा। गांव में जल घर नहीं था और गांव के लोग एक पुराने जर्जर खाल से ही खेतों की सिंचाई करते थे। ये 2 समस्याएं गांव की बड़ी समस्याएं थी। हमनें इन समस्याओं को मुख्यमंत्री व अधिकारियों के समक्ष उठाया। जिसके बाद ये स्वीकृत हो गई। मैं अपने कार्यकाल ही यही उपलब्धि मानता हूं कि गांव में जल घर बना और पूरा खाल नया बन गया। गांव में अब तक विकास कार्य पर 5 करोड़ रूपये से अधिक की राशि खर्च की जा चुकी है। गांव के विकास में मेरी पूरी पंचायत व पूरे गांव ने अति सराहनीय सहयोग दिया।
धविन्द्र पाल शर्मा, सरपंच (टप्पी)

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