जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसान आंदोलन के शीघ्र सुलह में उच्चत्तम न्यायालय से आशा जताते हुए कहा है कि किसानों के हित में न्यायालय को संज्ञान लेकर न्याय करना चाहिए। गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि अगर उच्चत्तम न्यायालय इन नए कृषि कानूनों को रद्द करने का फैसला सुना दे तो किसानों का आंदोलन भी तुरंत समाप्त हो सकता है। उन्होंने कहा कि 42 दिन से अपना घर छोड़ ठंड और बारिश में बैठे किसानों के हित में न्यायालय को संज्ञान लेकर न्याय करना चाहिए। अब तक 50 किसानों की मौत इस आंदोलन में हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि उच्चत्तम न्यायालय ने सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट को मंजूरी दे दी है। वैश्विक महामारी कोरोना के कारण बने आर्थिक संकट के माहौल में इस प्रॉजेक्ट को टाला जा सकता था। गत 18 दिसंबर को किसानों के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को टालने पर विचार करने को कहा था। उधर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा है कि जब किसानों ने शुरू से ही स्पष्ट कर दिया था कि ये कानून कृषि एवं किसानों के विरुद्ध हैं तो केंद्र सरकार क्यों बार-बार वार्ता के नाम पर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। सरकार अन्नदाताओं को बरगलाने की बजाय उनकी समस्याओं का उचित समाधान निकालकर अपना राजधर्म निभाएं।
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