सरसा। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि सतगुरू, अल्लाह, वाहेगुरु, राम, गॉड, खुदा, रब्ब वो सुप्रीम पावर है, शक्ति है, जो सबको ताकत देता है। बदले में किसी से कुछ नहीं लेता। पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि ये उस मालिक का रहमों-कर्म है कि उसने हम पर बहुत परोपकार किए हैं। वरना इस कलियुग में आदमी का जिंदगी गुजारना मुश्किल हो जाता। आज पत्थर, सोना, चांदी यानि हीरे-मोती, जवाहरात इनके मोल आसमानों को छू रहे हैं और इन सबके बिना भी जिंदगी को जिया जा सकता है। पर अगर ऑक्सीजन, खाद्य पदार्थ इतने महंगे होते तो आदमी जिंदगी कैसे जीता?
आप जी ने फरमाया कि मालिक ने हवा, ऑक्सीजन, खाने-पीने का सामान बहुत ही सस्ता रखा है, यानि हीरे-लाल, मोती, सोना, चांदी के मुकाबले। अगर गेहूं का एक-एक दाना हीरे के बराबर होता तो कैसे कोई जी पाता, कहां से खरीदते लोग। ऑक्सीजन अगर मोल बिकती तो कहां से लाते? मर जाते। ये मालिक का रहमों-कर्म नहीं तो और क्या है? उसके चमत्कार कदम-कदम पर नजर आते हैं। आप पेड़-पौधे देखिए कोई भी आपस में मिलते नहीं हैं, सब में पत्तों का डिजाइन अलग है, रंग अलग है, खुश्बू अलग है। आदमी एक पेंटिंग बनाने लगता है तो उसमें सारा-सारा दिन लग जाता है, कई-कई दिन लग जाते हैं, तब जाकर बो खूबसूरत होती है। ईश्वर का कमाल देखिए। उसने जब सृष्टि बनाई तो एक दम से बनाई और अरबों डिजाइन बना डाले जो एक-दूसरे से मिलते नहीं। लाखों जातियां हैं, पेड़-पौधे, घास-फूस की जो आपस में नहीं मिलती, उनकी खुश्बू आपस में नहीं मिलती। सब अलग-अलग हैं।
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि ऐसा कर पाना तो दूर, आदमी सोच भी नहीं सकता। हमारे शरीर में मालिक ने गजब का सिस्टम बनाया है। आपको गर्मी लगती है तो दिमाग से ये सूचना सारे शरीर में पहुंच जाती है, कि शरीर गर्म हो रहा है। रोम छिद्र से पसीना बहता है, कैसी भी हवा हो फिर वो बॉडी से टकराती है तो शरीर ठंडा हो जाता है। शरीर को सर्दी लगने लगती है तो बॉडी में अपने आप एनर्जी आती है। अंदर से हीट आ जाती है जो बहुत हद तक सर्दी को रोक देती है। आपकी तरफ अगर कोई चीज फेंकता है, जो आपको लगने वाली है, उससे पहले दिमाग को सूचना मिलती है और आप उसके उलट साईड कट मार जाते हैं तथा उस चीज से बच जाते हैं। उड़ता हुआ कण आंखों में पड़ने वाला होता है, अपने आप ही आंखें बंद हो जाती हैं। इससे पहले की वो कण आंख के अंदर जाए, आंखें बंद हो जाती हैं।
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि दिमाग में इतनी बारीक नाड़ियां हैं और इतने कायदे से फिट की होती हैं कि आदमी इनकी फिटिंग करे और अगर कोई एक नस दब जाए, कोई अंधा, बहरा, गूंगा हो सकता है। इतने दिमाग हैं करोड़ों इन्सान हैं, पेड़-पौधे हैं, पक्षी हैं। मालिक ने सबके हिसाब से दिमाग फिट किये। तो क्या ये चमत्कार नहीं है? जिसके पास सब कुछ हो, वो कुछ भी कर सकता है। तो कदम-कदम पर चमत्कार हैं।
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