लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों में घर जाने की लगी होड़

Migrant laborers competing for home after lockdown

ट्रेनों से जाने के लिए प्रवासी मजदूरों की रेलवे स्टेशन पर उमड़ी भीड़

कुरुक्षेत्र (सच कहूँ ब्यूरो)। लॉकडाउन के पहले दिन भी प्रवासी मजदूरों का अपने घरों की तरफ पलायन करने का सिलसिला जारी रहा। रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को भी अपने घर जाने वाले प्रवासी मजदूरों की भीड़ रही। प्रवासी मजदूरों में घर जाने की होड़ लगी हुई थी। छोटे छोटे बच्चों व परिवार के साथ घर जाने के लिए प्रवासी मजदूरों के पास सामान के बैग भी थे। इतना ही नहीं रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाले प्रवासी मजदूर कोविड के नियमों की पालना करते भी दिखे।

किसी भी यात्री को बिना मास्क लगाए रेलवे प्लेटफार्म पर जाने नहीं दिया गया। बता दें कि कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने सोमवार से एक सप्ताह तक के लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। लॉकडाउन की घोषणा होते ही रविवार को ही प्रवासी अपना सामान लेकर घर लौटने लगे थे। उन्हें डर सता रहा था कि पिछले साल जब लॉकडाउन की घोषणा हुई तो यातायात अचानक बंद होने से उन्हें परेशानियों से जूझना पड़ा था। इतना ही नहीं उन्हें खाने के लाले भी पड़ गए थे और प्रवासी मजदूर सैकड़ो किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर पहुंचे थे। इस दौरान उन्हें पुलिस की लाठियां भी खानी पड़ी थी।

लॉकडाउन के कारण कामकाज बंद

हालांकि रविवार को ही प्रवासी मजदूरों का घर लौटने का क्रम शुरू हो गया था। सोमवार व मंगलवार को भी प्रवासी मजदूर अपने घरों की ओर जाते दिखे। रेलवे स्टेशन पर सुबह से ही घर जाने वाले प्रवासी मजदूर परिवारों के साथ जुटने शुरू हो गए थे। घर लौट रहे कई प्रवासी मजदूरों ने बताया कि लॉकडाउन के कारण कामकाज बंद हो गया है।

मजदूरों का कहना है कि यदि लॉकडाउन को बढा दिया तो उन्हें यहां खाली बैठ कर खाना पड़ेगा। इसलिए वे अपने घर वापस जा रहे हैं। कई मजदूरों ने बताया कि उन्होंने कई दिन पहले ही पूरे परिवार की टिकटें बुक करवा दी थी, क्योंकि पिछली बार उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी। इसलिए उन्होंने अबकी बार रिस्क नहीं लिया और इसलिए जल्दी ही घर निकल पड़े हैं।

रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध

बिहार के पटना के रहने वाले राजू मंडल ने बताया कि उनके कई साथी रविवार को ही बस से दिल्ली के लिए निकल पड़े और आज उनके कई साथी रेलवे से दिल्ली जा रहे हैं। वहां से वे बिहार जाने वाली ट्रेन पकड़ कर घर जाएंगे। उनका कहना था कि लॉकडाउन कितने दिन चलेगा, यह किसी को पता नहीं है। इसलिए वे अपने घर जा रहे हैं।

दूसरी ओर राजकीय रेलवे पुलिस के प्रभारी ने रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए थे। किसी भी यात्री को बिना मास्क के रेलवे स्टेशन के अंदर नहीं जाने दिया गया। रेलवे पुलिस के कर्मियों ने प्रवासी मजदूरों की टिकटें बुक कराने और उनका सामान ट्रेनों तक पहुंचाने में उनका सहयोग किया।

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