निर्दोष डेरा श्रद्धालुओं पर हमलों की साजिशें रचने वाले हों बेनकाब: एडवोकेट्स

Advocate

गुरदेव मामले में अदालत का फैसला संतुष्टिजनक, साजिश का पर्दाफाश करने में पुलिस नाकाम

फरीदकोट (सच कहूँ न्यूज)। डेरा सच्चा सौदा विश्व भर में मानवता भलाई कार्यों के लिए जाना जाता है। डेरा से जुड़े बेकसूर श्रद्धालु की हत्या करने वाले दोषियों को बेशक माननीय अदालत से सजा मिल गई है लेकिन इन घिनौनी साजिशों को रचने वाले असली गुनाहगार कौन हैं, इसका पता लगाने में पंजाब पुलिस अब तक नाकाम साबित हुई है। डेरा विरोधी इन ताकतों का भी पर्दाफाश होना चाहिए जिन्हें डेरा सच्चा सौदा के भलाई कार्य और प्रसार पच नहीं रहा। यह शब्द सच कहूँ के साथ बातचीत दौरान एडवोकेट केवल सिंह बराड़, विवेक गुलबधर और बसंत सिंह सिद्धू ने कहे। उन्होंने कहा कि पंजाब में घटित पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की घटनाओं को हमेशा ही डेरा सच्चा सौदा के साथ जोड़ा जाता रहा है। लेकिन वास्तविक्ता यह है कि पंजाब पुलिस अब तक इन घटनाओं से सबंधित किसी भी मामले में ऐसा कोई भी सबूत नहीं जुटा सकी जिससे यह साबित हो सके कि बेअदबी में डेरा सच्चा सौदा का हाथ है।

उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस की एसआईटी की कार्रवाई हमेशा ही राजनीति से प्रेरित रही है, क्योंकि पुलिस अधिकारी भी आखिर सरकार की ही कठपुतली होते हैं। वे निष्पक्ष जांच की बजाए अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए उनके अनुसार ही कार्रवाई करते हैं।

एडवोकेट बोले: यदि हत्यारों को शह देने वाली ताकतों का खुलासा हो जाता तो हल हो सकती थीं बेअदबी की घटनाएं

गत दिवस फरीदकोट में माननीय एडीशनल सैशन जज जगदीप सिंह मारोक की अदालत ने गांव बुर्ज जवाहर सिंह वाला के डेरा श्रद्धालु गुरदेव सिंह के हत्यारों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। कानूनी विशेषज्ञों ने तर्क दिया कि माननीय अदालत ने न्याय करते हुए यह फैसला सुना दिया लेकिन गुरदेव सिंह की हत्या क्यों करवाई गई, किसने करवाई, इस साजिश के पीछे किसका हाथ है, मुख्य साजिशकर्ताओं का पर्दाफाश इत्यादि सवालों पर पंजाब पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। पंजाब पुलिस के पास इन सवालों के जवाब नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जब पंजाब पुलिस मुख्य साजिशकर्ताओं को हाथ डालेगी, फिर ही इन सवालों के जवाब मिल सकेंगे। फिर ही खुलासा हो सकेगा कि बेअदबी मामलों को डेरा श्रद्धालुओं के साथ जोड़कर कौन पंजाब के भाईचारे को आग लगाने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सीबीआई डेरा श्रद्धालुओं को बेअदबी मामलों में क्लीन चिट्ट दे चुकी है। सीबीआई ने दूसरे लोगों के साथ-साथ गुरदेव सिंह से भी पूछताछ की थी लेकिन बाद में गुरदेव सिंह की हत्या हो गई। फिलहाल इस हत्या के पीछे मुख्य साजिशकर्ता की पहचान होना बाकी है। पंजाब पुलिस को हत्या के आरोपियों से सख्ती से पूछताछ करनी चाहिए थी। उनसे पता लगाया जाता कि हत्या व बेअदबी करवाने की घटनाओं के पीछे मुख्य साजिशकर्ता कौन हैं?

इसके अलावा वर्ष 2017 में सतपाल और उनके पुत्र रमेश कुमार की अहमदगढ़ के नजदीक जंगेड़ा स्थित नामचर्चा घर की कंटीन पर दिनदहाड़े हत्या की गई। फिर उसके बाद नाभा जेल में महेन्द्रपाल बिट्टू और भक्ता भाईका में दुकान में मनोहर लाल इन्सां की भी गोलियां मारकर हत्या की गई। भक्त भाईका हत्या मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की जांच जारी है।

गौरतलब है कि पहले डेरा श्रद्धालु गुरदेव सिंह और फिर पिता-पुत्र सतपाल व रमेश कुमार की हत्या होती है। उक्त दोनों मामले में महेन्द्रपाल सिंह बिट्टू उनके परिवार को न्याय दिलवाने के लिए भागदौड़ कर रहे थे। लेकिन इसी दौरान वे भी साजिश का शिकार हो गए और नाभा जेल में उनकी हत्या कर दी गई। वकीलों ने मांग की है कि विश्व भर में शांति और भलाई कार्यों के लिए प्रसिद्ध डेरा सच्चा सौदा को बदनाम व अमन-शान्ति को भंग करने वालों की पहचान होनी चाहिए।

गुरदेव मामले में अदालत का फैसला संतुष्टि: हरचरन इन्सां

45 मैंबर हरचरन सिंह इन्सां ने गुरदेव सिंह बुर्ज जवाहर सिंह वाला की हत्या मामले में माननीय अदालत द्वारा आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाने के फैसले से हम संतुष्ट हैं। यह फैसला डेरा श्रद्धालुओं के घावों पर मरहम का काम करेगा लेकिन घाव अभी और भी बाकी हैं। उन्होंने मांग की है कि पंजाब पुलिस को चाहिए कि वे डेरा श्रद्धालुओं की हत्याओं सहित बेअदबी की घटनाओं के पीछे जिम्मेदार ताकतों का पर्दाफाश कर सच्चाई को लोगों के सामने लाएं।

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