महिलाओं को राजस्थान, दिल्ली और यूपी ले जाकर करवाते थे जांच
रेवाड़ी (सच कहूँ न्यूज)। स्वास्थ्य विभाग ने दिल्ली, यूपी व राजस्थान में हजारों रुपये लेकर महिलाओं की लिंग जांच (Fetal Sex Investigation) करवाने के नाम पर गूगल पे से 50 हजार रुपये लेने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों में बिजेंद्र, विक्रम व शकील शामिल हैं। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ पीएनडीटी एक्ट व धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
सीएमओ रेवाड़ी डॉ. कृष्ण कुमार को सूचना मिली थी कि रेवाड़ी से कुछ गर्भवती महिलाओं को ले जाकर दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भ्रूण लिंग जांच कराई जाती है। इस पर सीएमओ ने पीसी-पीएनडीटी नोडल अधिकारी डॉ. विशाल राव के नेतृत्व में एक टीम गठित की। इसमें डॉ. अविनाश यादव, डॉ. योगेश यादव के अलावा पुलिस स्टाफ को भी शामिल किया गया। टीम ने एक डिकॉय पेशेंट के जरिए बिजेन्द्र नामक दलाल से संपर्क किया।
उसने भ्रूण लिंग जांच (Fetal Sex Investigation) कराने की हां कर दी। 70 हजार रुपए में सौदा तय हुआ। बिजेन्द्र ने 70 हजार कैश मांगे, लेकिन डिकॉय पेशेंट ने ऑनलाइन ट्रांसफर करने की बात की। उसके बाद बिजेन्द्र द्वारा दिए गए नंबरों पर 50 हजार रुपए एडवांस भेजे गए और 20 हजार रुपए जांच के बाद देने का सौदा तय हुआ। बिजेन्द्र ने डिकॉय पेशेंट को गुरुग्राम के पटौदी में बुलाया।
यहां बस स्टैंड पर दलाल बिजेन्द्र डिकॉय पेशेंट को लेकर सबसे पहले नया गांव गया और फिर रवि चन्द्र नामक शख्स को फोन किया। काफी इंतजार के बाद वह नहीं आया तो कुछ दूर आगे दलाल ने शकील नामक शख्स को गाड़ी में बैठा लिया। इस बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम उनका पीछा करती रही।
पटौदी के बाद दलाल बिजेन्द्र और शकील डिकॉय पेशेंट को दिल्ली-जयपुर हाईवे के रास्ते पहले भिवाड़ी और फिर टपूकड़ा में लेकर गए। यहां पर एक डायग्नोस्टिक सेंटर पर पहुंचने से पहले दलाल बिजेन्द्र गाड़ी से उतर गया और फिर अल्ट्रासाउंड सेंटर के पास उसे बिक्रम नामक शख्स मिला। दोनों उसे एक अल्ट्रासाउंड सेंटर पर लेकर पहुंचे, जहां उसका सेंटर संचालक ने भ्रूण लिंग जांच करने से मना कर दिया।
इस बीच स्वास्थ्य विभाग की टीम ने डायग्नोस्टिक सेंटर पर रेड कर दी। पुलिस ने शकील और बिक्रम को मौके पर ही पकड़ लिया। उसके बाद अल्ट्रासाउंड सेंटर पर जांच की तो पता चला कि डिकॉय पेशेंट का अल्ट्रासाउंड हुआ ही नहीं। जबकि शकील और बिक्रम ने बताया कि भ्रूण लिंग जांच (Fetal Sex Investigation) का खुलासा दलाल बिजेन्द्र करेगा। अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालक को क्लीन चिट देने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पकड़े गए दोनों आरोपियों के जरिए बिजेन्द्र से संपर्क किया।
बिजेन्द्र रेवाड़ी शहर पहुंच चुका था, लेकिन उसे यह नहीं पता था कि उसके दोनों साथी पकड़े जा चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पकड़े गए दोनों आरोपियों के जरिए बिजेन्द्र को फोन किया। बिजेन्द्र ने उन्हें रेवाड़ी शहर के नाईवाली चौक पर बुला लिया। यहां पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बिजेन्द्र को भी गिरफ्तार कर लिया। तीनों को पकड़ने के बाद देर रात ही उनके खिलाफ शहर के सिटी थाना में केस दर्ज कराया गया।
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