भूना (सच कहूँ न्यूज)। यूक्रेन के लवीव मेडिकल यूनिवर्सिटी व ओडिशा नेशनल यूनिवर्सिटी की दो छात्राएं बुधवार को घर लौट आई हैं। जिसको लेकर दोनों ही परिवारों ने राहत की सांस ली है। मगर घर पहुंचते ही अपनो को नजदीक देखकर दोनों छात्राओं की आंखों से आंसू बहने लगे। जिन्हें देखकर परिजन भी भावुक हो गए। मेडिकल छात्रा प्रियाजोत अपने घर टेलीफोन एक्सचेंज के नजदीक वाली गली भूना में पहुंची तो दादी इंद्रकौर ने अपनी पोती को छाती से चिपका लिया। मगर यह क्षण भावुकता भरा था।
दादी- पोती के मिलाप के दौरान दोनों की आंखों में पानी बह रहा था। क्योंकि वृद्धा की पोती भयंकर युद्ध की बमबारी के बीच से बचकर जिंदा घर लौटी थी। छात्रा की मां गुरमीतकौर व पिता गुरदीप सिंह भट्टी ने दोनों को ढांढस बंधाया और घर के अंदर ले गए। छात्रा ने परिजनों को बताया कि वह काल से लड़कर घर पहुंची है। मगर यूक्रेन वह रशियन के बीच युद्ध ने उसका डॉक्टर बनने का सपना भी सपना ही रख दिया। छात्रा प्रियाजोत इस बात को लेकर गहरे सदमे में है। उड़ीसा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी यूक्रेन से लौटी चतुर्थ सेमेस्टर की मेडिकल छात्रा 22 वर्षीय सायना भी भूना में अपने घर पहुंच गई है।
सायना व प्रियाजोत अलग-अलग दिशा से भूना पहुंची
मेडिकल छात्रा सायना ने बताया कि पिछले 5 दिनों से रोमानिया बॉर्डर पर प्रवेश के लिए इंतजार कर रहे थे। मगर वहां के हालात ठीक नहीं है। भूखे प्यासे रहकर अपने वतन लौटने के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा। सोमवार को उन्हें फ्लाइट मिली जो रोमानिया से मुंबई और फिर दिल्ली पहुंची। फ्लाइट में 182 के करीब स्टूडेंट थे। छात्रा ने बताया कि वह सितंबर 2017 से यूक्रेन की ओडिशा नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही थी। लेकिन जब वह बुधवार की सुबह घर पहुंची तो पति को देखकर शिक्षक दंपति का हौसला बढ़ गया। वहीं बुधवार की शाम को लवीव मेडिकल यूनिवर्सिटी की छात्रा प्रियाजोत भूना पहुंच गई है।
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