पहाड़ों की रानी धर्मशाला में विशाल ‘नामचर्चा’ 17 अप्रैल को

Naamcharcha in Himachal

धर्मशाला। हिमाचल के रानी नाम से मशहूर खूबसूरत हिल स्टेशनों में शुमार धर्मशाला की धरा 17 अप्रैल रविवार को राम-नाम की खुशबू से महकेगी। दरअसल डेरा सच्चा सौदा के रूहानी स्थापना माह के उपलक्ष्य में यहां हिमाचल प्रदेश की साध-संगत यहां के पुलिस ग्रांउड में विशाल नामचर्चा करके पावन भंडारा मनाएगी। नामचर्चा का समय सुबह 11 से दोपहर एक बजे तक रहेगा। राज्य के जिम्मेदार सेवादारों ने बताया कि नामचर्चा स्थल पर पहुंचने के लिए शहर में चारों तरफ से निशान दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पावन भंडारे की नामचर्चा को लेकर साध-संगत में खुशी और भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। नामचर्चा को लेकर राज्य की साध-संगत ने जोर-शोर से तैयारियों में जुटी है। इसके साथ ही नामचर्चा पंडाल की सजावट देखते ही बन रही है। इस शुभ अवसर पर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन प्रेरणा से गरीब, जरूरतमंद परिवारों और बच्चों की मदद करके मानवता भलाई के कार्य भी किए जाएंगे। हिमाचल की साध-संगत के जिम्मेवारों ने बताया कि नामचर्चा में भारी संख्या में साध-संगत के आगमन को देखते हुए लंगर-भोजन, पेयजल और ट्रैफिक सहित सभी व्यवस्थाओं में सेवादार पूरी तन्मयता से जुटे हुए हैं।

गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा की पहली पातशाही पूज्य बेपरवाह सार्इं शाह मस्ताना जी महाराज ने 29 अप्रैल सन् 1948 में डेरा सच्चा सौदा की स्थापना की थी। आप जी ने लोगों को गुरुमंत्र देकर मानवता भलाई के कार्यों पर चलने का रास्ता बताया। दूसरी पातशाही पूज्य परम पिता शाह सतनाम सिंह जी महाराज ने हजारों सत्संग किए और लाखों लोगों को गुरमंत्र देकर इंसानियत की राह पर चलाया। मौजूदा गद्दीनशीन पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने मानवता भलाई के इस कारवां को गति देते हुए करोड़ों लोगों को गुरुमंत्र देकर उनका जीवन सार्थक किया। आज करोड़ों की संख्या में साध-संगत पूज्य गुरू जी की शिक्षाओं पर चलकर नशे व अन्य कुरीतियों से तौबा कर खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं। पूज्य गुरू जी ने 29 अप्रैल 2007 को रूहानी जाम की शुरूआत कर मर चुकी इंसानियत को जिंदा करने का बीड़ा उठाया।

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