चचिया नगरी में बजा राम नाम का डंका, जाने साध-संगत के विचार

चचिया नगरी (एम के शायना)। डेरा सच्चा सौदा का रूहानी स्थापना माह का पावन भंडारा रविवार को हिमाचल प्रदेश की साध संगत ने चचिया नगरी जिला कांगड़ा स्थित सचखंड धाम में बड़ी श्रद्धा व उल्लास के साथ मानवता भलाई कार्य कर मनाया गया। पावन भंडारे की खुशी में आयोजित नामचर्चा के दौरान मानवता भलाई कार्यो को गति देते हुए 129 बच्चों को खिलौने व 11 जरूरतमंद लोगों को कंबल भी वितरित किए गए। नाम चर्चा में उमड़े साध संगत के जनसैलाब में पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां पर दृढ़ विश्वास व श्रद्धा का अनूठा संगम देखने को मिला और साध संगत के उमड़े भारी इकट्ठ के आगे प्रबंधन द्वारा किए गए सभी इंतेजामात छोटे पड़ गए। नाम चर्चा में उपस्थित साध संगत ने 138 मानवता भलाई कार्यो में एकजुटता के साथ भाग लेने का हाथ खड़े कर संकल्प लिया।

रविवार को सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक रूहानी स्थापना माह की खुशी में आयोजित पावन भंडारे की नाम चर्चा की शुरूआत धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा का इलाही नारा अरदास का शब्द बोल कर किया गया। तदुपरांत नाम चर्चा में पहुंचे विभिन्न ब्लॉकों के कविराजों ने शब्दवाणी के माध्यम से सतगुरु की महिमा का गुणगान किया जिसे उपस्थित साध संगत ने बड़े ध्यान पूर्वक व पूरी श्रद्धा भावना से एक मन एक चित्त होकर श्रवण किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वह साध संगत द्वारा किए जा रहे मानवता भलाई कार्यों से बहुत परभाभित हैं उन्होंने इस अवसर पर साध संगत को भंडारे की बधाई भी दी । इसी दौरान प्रदेश के जिम्मेदारों के साथ साध संगत ने अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर पूज्य गुरु जी पर दृढ़ विश्वास,आस्था व्यक्त करते हुए मानवता भलाई के कारवां को और तेजी से आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया।अंत में उपस्थित साध संगत को कुछ ही मिनटों में लंगर भोजन खिलाया गया।

पावन रूहानी स्थापना माह के भंडारे की नामचर्चा में इतनी साध-संगत थी कि सेवादारों द्वारा किया गया इंतजामात कम पड़ रहे थे। पूज्य गुरु जी ने साध-संगत पर इतनी रहमत कर रखी है कि इतनी भारी तादाद में साध-संगत होते हुए भी किसी को कोई समस्या नहीं आई। सारी साध-संगत ने बहुत ही प्यार और भाईचारे का संदेश देते हुए पावन भंडारे की नामचर्चा का आनन्द लिया।
-शैल्या इन्सां, चचिया नगरी

मैं और मेरे परिवार को पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां पर पूर्ण विश्वास है कि वे पाक साफ और सच्चे हैं। समय-समय पर पूज्य गुरु जी जो चिट्ठी भेजते हैं, उनसे दिल में जो कुछ सवाल उठ रहे होते हैं, उन सबका जवाब मिल जाता है। और मुझे आत्मिक संतोष मिलता है। पूज्य गुरु जी के चरणों में यही अरदास है कि वे अपनी कृप्या दृष्टि ऐसे ही बनाए रखे जी।
-सत्या इन्सां, सदस्य प्रागपुर हिमाचल प्रदेश

मुझे हर वक्त पूज्य गुरु जी के दर्श दीदार करने की तड़प रहती है कि कब पूज्य गुरु जी आए और हमें अपने आशीर्वाद से नवाजे। इसलिए शायद पूज्य गुरु जी साध-संगत को समय-समय पर चिट्ठी भेजते रहते हैं ताकि साध-संगत को खुशियां मिलती रहे। जब जब गुरु जी की चिट्ठी आती है, दिल को सुकून मिलता है। साध-संगत से दूर रहते हुए भी पूज्य गुरु जी का ध्यान सदा अपने 6 करोड़ बच्चों में ही रहता है। पूज्य गुुरु जी से यही अरदास है कि वे हमें देह रूप में जल्द दर्शन दें जी।
-सीमा हमीरपुर

हम अपने उस सतगुरु का देण कैसे दें, जो हर पल अपनी करोड़ों प्यारी साध-संगत को खुशियों से मालामाल कर रहे हैं। पूज्य गुरु जी ने हमेशा इन्सानियत की भलाई के लिए ही कदम बढ़ाया, इसके बावजूद बुराई के नुमाइंदे अफवाहें फैलाकर साध-संगत को इन्सानियत के कार्यों को रोकने के लिए भरसक साजिशें रच रहे हैं। बे सिर-पैर की बातें करके साध-संगत को गुमराह करने की सोच रहे हैं, लेकिन ये लोग इन घटिया चालों में कभी सफल नहीं होंगे।
-सेवानिवृत्त सूबेदार उत्तम चंद, नगरोटा बागवा

डेरा सच्चा सौदा सन् 1948 से ही मानवता भलाई कार्यों में लगा हुआ है। यहां चल रहे मानवता भलाई कार्यों की पूरी दुनिया में मिसाल दी जाती है। जात, धर्म से ऊपर उठकर यहां हर जरूरतमंद की मदद की जाती है। ये सब हो रहा है पूज्य गुरु जी की शिक्षाओं की बदौलत। कुछ लोग गलत मंशा से बेशक अफवाहें फैला रहे हैं, लेकिन हमारे विश्वास को टस से मस नहीं कर सकेंगे। बल्कि ऐसे लोगों का दोनों जहानों में मुंह काला होगा।
– कमल ठाकुर, हमीरपुर

मेरे परिवार के सभी सदस्य पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां में अपार श्रद्धा रखते हैं। पूज्य गुरु जी हमारे लिए भगवान हैं। बुराई से जुड़े लोग बेशक कितनी निंदा-चुगली करते रहें लेकिन वे साध-संगत के दृढ़ विश्वास को राई के दाने जितना भी कम नहीं कर पाएंगे बल्कि साध-संगत तो पहले से भी ज्यादा दृढ़ हौंसले के साथ आगे बढ़ रही है।
-संजय सुजानपुर

डेरा सच्चा सौदा पाक-पवित्र संस्था है। कुछ असामाजिक तत्वों के कहने से डेरा सच्चा सौदा की शान को कोई फर्क नहीं पड़ता। पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने हमें सच की राह पर चलना सिखाया और उसी पर चलते रहेंगे। काल के नुमाइंदे चाहे कितना भी शोर मचा लें, वो साध-संगत की एकता को कम नहीं कर सकेंगे। पूज्य गुरु जी द्वारा दिखाए गए इन्सानियत के मार्ग पर पूरे बुलंद हौंसले के साथ आगे बढ़ते रहेंगे।
-सुमन, ज्वाला जी

हमें पूज्य गुरू संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने मानवता भलाई के कार्य करने सिखाए। पूज्य गुरू जी ने रूहानी चिट्ठी के माध्यम से साध-संगत को बुराई से जुड़ी ताकतों से सतर्क रहने के लिए कहा है। साध-संगत पूज्य गुरु जी के वचनों पर चलते हुए पूरी तरह एकजुट है। काल के एजेंटों को मचाने दो जितना शोर मचाते हैं। उनकी दाल नहीं गलने वाली है, बल्कि उनका दोनों जहानों में मुंह काला होगा। हमारा अपने सतगुरु पर पूरा दृढ़ विश्वास है और डेरा सच्चा सौदा में बढ़ चढ़कर आएंगे और सेवा, सुमिरन और परमार्थ में हमेशा आगे रहेंगे।
– मीरा, ज्वाला जी

संत पूरी दुनिया ही नहीं बल्कि त्रिलोकियों का उद्धार करने आते हैं। इतिहास गवाह है जब-जब संतों ने इस धरा पर बुराइयों को खत्म करने के लिए कदम बढ़ाए तो बुराई से जुड़े लोगों ने हमेशा उनकी खिलाफत की है। लेकिन बुराई से जुड़े इन लोगों को हमेशा मुंह की खानी पड़ी है। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने इस घोर कलियुग में इन्सानियत के ऐसे बेमिसाल कार्य किए हैं, जो किसी अजूबे से कम नहीं हैं। लेकिन कुछ लोग साध-संगत की एकजुटता को तोड़ने के लिए अफवाहें फैला रहे हैं, लेकिन वे अपने मंसूबों में कभी सफल नहीं होंगे।
– रमेश, नगरोटा बागवा

डेरा सच्चा सौदा की साध-संगत एकजुट होकर हमेशा मानवता भलाई के 138 कार्य करती रहेगी। दुनिया चाहे डेरा सच्चा सौदा दरबार के खिलाफ जितनी साजिशें रचने, वे अपने नापाक मंसूबों में सफल नहीं होंगे। आदरणीय शाही परिवार, पूरी डेरा मैनेजमेंट और साध-संगत एकजुटता के साथ मानवता के मार्ग पर आगे बढ़ते रहेंगे।
– सरला, हमीरपुर

पूज्य गुरू जी द्वारा बताए गए इन्सानियत के मार्ग पर हमेशा चलते रहेंगे और डेरा सच्चा सौदा द्वारा चलाए जा रहे मानवता भलाई के कार्यों में हमेशा सहयोग करता रहूंगा। पूज्य गुरू जी ने हमें सभी धर्मों का आदर सत्कार करना सिखाया है। साथ ही पूज्य गुरू जी ने रूहानी चिट्टियों के माध्यम से साध-संगत को भ्रम फैलाने वाले लोगों से सचेत करते रहते है। और साध-संगत को चिट्टियों के द्वारा ढेरों खुशियों दे है।
-बालकिशन, ढलियारा

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