इंसानियत। मदद की पुकार सुनते ही हर जगह पहुंच जाते हैं डेरा अनुयायी

कैथल(सच कहूँ/मनोज वर्मा)। जब अपनों पर दु:खों का पहाड़ टूटता है तो रिश्तेदार और परिवार भी एक पल के लिए साथ छोड़ जाते हैं। ऐसे में वो इंसान ये ही सोचेगा कि, जब अपनों ने ही मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया तो कोई गैर क्या उसकी मदद करेगा? ऐसे में सिर्फ डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी ही हैं जो दूसरों के लिए जीते हैं। बस मदद की एक पुकार मिलनी चाहिए और वो पल भर में फरिश्तें बनकर पहुंच जाते हैं। इसी कड़ी में ब्लॉक कैथल की साध-संगत ने भी गांव सांच में एक विधवा जरूरतमंद महिला के दर्द पर मदद का मरहम लगाते हुए उसके आंसूओं को पोंछने का काम किया गया।

15 मैंबर फकीर चंद इन्सां, भीम इन्सां, राजेन्द्र इन्सां, जगदीश इन्सां ने बताया कि गांव सांच में विधवा महिला बिमला रानी पत्नी स्वर्गीय बीरू राम ने मकान बनाकर देने की प्रार्थना की थी, जिस पर साध-संगत की सहमति से उक्त महिला को एक कमरा, एक रसोई, एक स्नान घर बनाकर सेवादारों द्वारा किया गया। इस सेवा कार्य में पूंडरी ब्लॉक की साध-संगत का सहयोग रहा। उन्होंने कहा कि कैथल ब्लॉक की समस्त साध-संगत पूज्य गुरु जी के पावन वचनों पर चलते हुए दिन रात मानवता भलाई कार्यों में जुटी हुई है।

आंखों से झलके खुशी के आंसू, पूज्य गुरु जी का जताया आभार

डेरा अनुयायियों की मदद मिलने से बिमला रानी के आंखों से खुशी के आंसू नहीं थम रहे थे। बिमला रानी ने कहा कि मैं पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां का जितना धन्यवाद करूं उतना कम है। उन्होंने कहा कि साध-संगत ने उसे जो मकान बनाकर दिया है उससे आज ये साबित कर दिया है जब तक इस समाज में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी है कोई बेघर नहीं हो सकता। मैं सारी साध-संगत का भी तहदिल से आभार प्रकट करती हूँ।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।