जलवायु परिवर्तन से वैश्विक हैजा बढ़ने की आशंका: डब्ल्यूएचओ

Hisar News
WHO

जेनेवा (एजेंसी)। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि इस साल पूरे विश्व में जलवायु परिवर्तन से बड़े स्तर पर लोग हैजा से पीड़ित पाए गए हैं। हैजा और महामारी डायरिया रोगों के लिए डब्ल्यूएचओ टीम लीड डॉ. फिलिप बारबोजा के हवाले से संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी ने बताया कि विश्व हैजा की चपेट में है। उन्होंने कहा कि यह रोग पहले से कहीं अधिक घातक है।

यह भी पढ़ें:– हिमाचल में सीमेंट फैक्ट्रियां बंद होने से मचा घमासान, नोटिस जारी

चक्रवातीय तूफान के बाद आई बाढ़ का कहर

डॉ. बारबोजा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण एकबार फिर से हैजा के मामले और इससे होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। डब्ल्यूएचओ हैजा विशेषज्ञ ने कहा कि हॉर्न आॅफ अफ्रीका और साहेल में चक्रवातीय तूफान के बाद आई बाढ़ से वहां तेजी से हैजा रोग फैल रहा है। गौरतलब है कि हैती, लेबनान, मलावी और सीरिया सहित अन्य देशों में यह बीमारी बड़े पैमाने पर पनप चुकी है।

विश्व में वैक्सीन की कमी

संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट के अनुसार, हैजा को रोकने के लिए विश्व में वैक्सीन की कमी है। पूरे विश्व में मात्र दो देश दक्षिण कोरिया और भारत निमार्ता के रूप में प्रति वर्ष तीन करोड़ टीके की आपूर्ति कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बीमारी से निपटने के लिए इसकी डोज पर्याप्त मात्रा में मिलना कठिन है इसलिए अंतरराष्ट्रीय समन्वय समूह (आईसीजी) ने हैजा के प्रकोप से निपटने के लिए अक्टूबर में अपनी वैश्विक टीकाकरण रणनीति को दो डोज से घटाकर एक करने का निर्णय लिया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, प्रत्येक वर्ष हैजा के 10 से 40 लाख मामले आते हैं और पूरे विश्व में इस बीमारी से करीब 21 हजार से एक लाख 43 हजार लोगों की मौत होती है। यह बीमारी दूषित भोजन करने और दूषित पानी पीने के कराण ज्यादा फैलती है।

अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और TwitterInstagramLinkedIn , YouTube  पर फॉलो करें।