मुबारक कदमों के पीछे चले इन्सानियत के काफिले

सरसा (सच कहूँ न्यूज)। संत, पीर-फकीर भगवान की रजा में रहने वाले होते हैं। उनको भले ही किसी भी तरह की परिस्थितियों का सामना ही क्यों न करना पड़े लेकिन प्रभु का संदेश, प्यार उनके दिल में समुद्र की तरह ठाठें मारता है। भगवान की बनाई सृष्टि से प्यार व उसकी सेवा ही उनका धर्म होता है। उनको अपनी चिंता नहीं होती, इन्सानियत की चिंता होती है। भलाई के अलावा किसी और बात से उनका वास्ता नहीं होता।

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सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां 40 दिनों की पैरोल पर बरनावा आश्रम पधारे। आप जी ने आते ही समाज सेवा का समुद्र बहा दिया। बीते दिन भले ही पूज्य गुरु जी सुनारिया, रोहतक लौट गए, लेकिन आप जी की मुबारक मुहिमों ने करोड़ों लोगों को नेकी के रास्ते पर डाल दिया है। आप जी की प्रेरणा से साध-संगत ने नशों में बह रहे लाखों युवाओं का नशा छुड़वाया व सेवादार लगातार इस मुहिम में जुटे हुए हैं। जो युवा रोजाना 5-6 हजारे रूपये का नशा करते थे, जिनके माता-पिता भी परेशान थे, उनका नशा छुड़वाया।

बात नशा छुड़वाने तक ही सीमित नहीं रही बल्कि उनके लिए पौष्टिक आहार का भी प्रबंध पूज्य गुरु जी ने स्वयं किया। पूज्य गुरु जी ने दो और गीत नशों के खिलाफ लांच किए हैं, जो थीम गीत की तरह घर-घर में गूंज रहे हैं। नशे से बचे युवाओं के स्वजन पूज्य गुरु जी व साध-संगत का धन्यवाद करते नहीं थक रहे। आप जी द्वारा चलाई गई नशा विरोधी मुहिम का ऐसा प्रभाव दिखाई दे रहा है कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश सहित कई अन्य राज्यों की पंचायतें भी नशा विरोधी मुहिम के साथ जुड़ रही हैं।

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