बिना दहेज की शादी के शहर में चर्चे

Abohar News
नवविवाहित जोड़े को बधाइयां देने वालों का भी तांता लगा ।

सरकारी टीचर ने बिना दहेज के शादी कर समाज में मिसाल कायम की

  • नवविवाहित जोड़े को बधाइयां देने वालों का लगा तांता

अबोहर। (सच कहूँ/सुधीर अरोड़ा) नई आबादी गली नंबर 12 निवासी सरकारी अध्यापक ने दहेज प्रथा के खिलाफ संदेश देते हुए बिना दहेज शादी (Marriage Without Dowry) करके मिसाल कायम की है। इस शादी की हर तरफ तारीफ हो रही है। वहीं नवविवाहित जोड़े को बधाइयां देने वालों का भी तांता लगा हुआ है।

जानकारी के अनुसार आज नई आबादी गली नंबर 12 निवासी दिनेश पुत्र विनोद कुमार व गुरुद्वारा दमदमा साहिब के निकट रहने वाली शीनम पुत्र मथरा दास कुक्कड़ के आज नई फाजिल्का रोड स्थित गुरुद्वारा श्री नानकसर टोभा में आनंद कारज हुए। दिनेश पुत्र विनोद कुमार ने बताया कि वह एमए बीएड है और सरकारी स्कूल बल्लूआना में अध्यापन कार्य कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे समाज को संदेश देना चाहते थे कि बिना दहेज के भी शादी हो सकती है और उन्होंने अपनी सोच के मुताबिक दुल्हन पक्ष से कोई दहेज नहीं लिया।

वहीं फाजिल्का रोड गुरुद्वारा दमदमा साहिब के निकट रहने वाले मथरा दास कुक्कड़ भी इस शादी (Marriage) से बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा कि वे सौभाग्यशाली हैं जिन्हें दिनेश जैसा दामाद मिला और उन्हें उम्मीद है कि उनकी बेटी शीनम इस परिवार में हमेशा खुश रहेगी। उन्होंने कहा कि समाज में आज भी दहेज एक कुप्रथा बना हुआ है। आज भी हजारों बेटियां हर वर्ष दहेज के दानव द्वारा लील ली जाती हैं। बेबस मां-बाप अपनी किस्मत को कोसते रहते हैं। लेकिन आज उन्हें इस बात का सुकून है कि उनकी बेटी सही घर में जा रही है, क्योंकि जिस घर की सोच ऐसी है, वहां कभी दुख नहीं हो सकते। वहीं शीनम पुत्री मथरा दास कुक्कड़ ने खुशी जाहिर करते हुए परमात्मा का शुक्रिया किया कि उन्हें दिनेश जैसा जीवनसाथी मिला है। शीनम ने कहा कि यह शादी एक मिसाल बनेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here