कैराना में सामान्य होने लगा यमुना का बहाव, राहत

Kairana News
कैराना क्षेत्र में यमुना नदी का बहाव सामान्य की बढ़ने लगा है। गुरुवार को यमुना के जलस्तर में 55 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई।

जलस्तर में दर्ज की गई 55 सेंटीमीटर की गिरावट, हथिनीकुंड बैराज से छोड़ा गया 42,642 क्यूसेक पानी | Kairana News

कैराना (सच कहूँ न्यूज)। कैराना क्षेत्र में यमुना नदी का बहाव सामान्य की बढ़ने लगा है। गुरुवार को यमुना के जलस्तर में 55 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई। वही, हथिनीकुंड बैराज से भी 42,642 क्यूसेक पानी यमुना में प्रवाहित किया गया। पिछले दिनों हथिनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के चलते यमुना नदी में उफान आ गया था, जिससे तटवर्ती क्षेत्र के खेतों में खड़ी हजारों बीघा फसलें जलमग्न हो गई थी। वही, सहपत गांव में तटबंध टूटने के कारण भी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा था। Kairana News

यमुना नदी का जलस्तर क्षेत्र में खतरे के निशान को पार करते हुए 232.30 मीटर तक पहुंच गया था। हालांकि फिलहाल हथिनीकुंड बैराज से यमुना में प्रवाहित किये जाने वाले पानी की मात्रा लाखों क्यूसेक से घटकर हजारों में पहुंच गई है, जिससे कैराना में यमुना नदी का जलस्तर धीरे-धीरे सामान्य की ओर आने लगा है। बुधवार सुबह आठ बजे यमुना नदी का जलस्तर 50 सेंटीमीटर की वृद्धि के साथ 230.70 मीटर पर पहुंच गया था, लेकिन शाम चार बजे तक जलस्तर 10 सेंटीमीटर की मामूली गिरावट के साथ 230.60 मीटर पर आ गया था।

वही, गुरुवार प्रातः आठ बजे यमुना का जलस्तर 48 सेंटीमीटर घटने के बाद 230.12 मीटर रह गया। शाम चार बजे जलस्तर में सात सेंटीमीटर की गिरावट और दर्ज की गई, जिसके बाद क्षेत्र में यमुना का बहाव 230.05 मीटर पर आकर ठहर गया। कैराना में यमुना का चेतावनी बिंदु 231.00 मीटर तथा खतरे का निशान 231.50 मीटर पर निर्धारित है। वही, गुरुवार को हथिनीकुंड बैराज से अधिकतम 42,642 क्यूसेक पानी यमुना नदी में प्रवाहित किया गया। उधर, ड्रेनेज विभाग के सहायक अभियंता राजेन्द्र सिंह ने बताया कि हथिनीकुंड बैराज से यमुना में 42,642 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। यमुना का बहाव धीरे-धीरे सामान्य होने लगा है।

तटवर्ती इलाकों के खेतों में भरा है यमुना का पानी | Kairana News

पिछले दिनों यमुना में आई बाढ़ के कारण तटवर्ती इलाके के किसानों की हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई। फसलों में अभी भी यमुना का पानी भरा हुआ है, जिस कारण सर्वे कार्य भी ठीक से नहीं हो रहा है। सहपत, मामौर, मवी, हैदरपुर, रामड़ा, नंगलाराई, मोहम्मदपुर राई, इस्सापुर खुरगान, बसेड़ा, पठेड़ आदि तटवर्ती इलाकों में किसानों ने भूमि पर ईंख, धान, ज्वार आदि की फसलें उगाई थीं। बाढ़ के पानी के कारण उक्त फसलें बर्बाद हो गई। फसलों में अभी भी पानी भरा हुआ है, जिस कारण प्रशासन द्वारा कराए जा रहे फसलों के नुकसान का सर्वे कार्य भी प्रभावित हो रहा है।

यह भी पढ़ें:– मालदीव में वेकेशन मना रहे हैं रजनीकांत

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here