Dengue: मंगलपुर में सात वर्षीय बालिका की डेंगू से मौत, छाया शोक

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बालिका की मौत से गांव में पसरा मातम, ज्यादातर घरों में नही मनी दीपावली

  • कुकरहेड़ी के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा मित्र है मृतक बालिका के पिता | Kairana News

कैराना (सच कहूँ न्यूज)। गांव मंगलपुर में दीपावली के दिन सात वर्षीय मासूम बालिका की डेंगू (Dengue) से मौत हो गई। बालिका की मौत से पूरे गांव में मातम छा गया। बालिका की मौत के गम में ज्यादातर ग्रामीणों ने दीपावली नही मनाई। मृतक बालिका के पिता ग्राम पंचायत बराला के मजरा कुकरहेड़ी में शिक्षा मित्र के पद पर तैनात है। Kairana News

कोतवाली क्षेत्र के गांव मंगलपुर निवासी साहबसिंह की सात वर्षीय पुत्री वैष्णवी को छोटी दीपावली के दिन बुखार आने पर परिजन झिंझाना के एक निजी चिकित्सक के क्लीनिक पर ले गए। रक्त जांच कराने पर बालिका डेंगू पॉजिटिव पाई गई। हालत गम्भीर होने के चलते चिकित्सक ने बालिका को अपने यहां भर्ती कर लिया। एक दिन के उपचार के बावजूद बालिका की हालत में कोई खास सुधार नही हुआ। अगले दिन यानी 12 नवंबर को चिकित्सक ने बालिका को शामली के लिए रेफर कर दिया। परिजन बालिका को शामली के एक प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ के यहां लेकर गए।

बालिका की हालत देखकर चिकित्सक ने उसे पानीपत ले जाने को कहा। इसके बाद परिजनों ने बालिका को पानीपत के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। बालिका की मौत की सूचना पर परिजनों में कोहराम मच गया। शाम के समय परिजन मृत बालिका के शव को लेकर गांव में पहुंचे। बालिका का शव गांव पहुंचते ही ग्रामीणों में शोक व्याप्त हो गया। गमगीन माहौल में बालिका के शव को काठा नदी के किनारे दफनाया गया। मातम के चलते ज्यादातर ग्रामीणों ने दीपावली भी नही मनाई। वहीं, सीएचसी प्रभारी शैलेन्द्र चौरसिया का कहना है कि डेंगू से बालिका की मौत का मामला उनके संज्ञान में नही है। शिविर आदि लगाकर ग्रामीणों की जांच की जाएगी।

शामली में डेढ़ घंटे तक बालिका को नही मिला उपचार | Kairana News

हालत नाजुक होने पर परिजन डेंगू पीड़ित बालिका को शामली के एक प्रसिद्ध बाल रोग विशेषज्ञ के यहां लेकर गए। परिजनों का आरोप है कि वहां पर इमरजेंसी फीस दिए जाने के बावजूद करीब डेढ़-पौने दो घंटे तक चिकित्सक बालिका को देखने नही आया, जिस पर बालिका की हालत लगातार बिगड़ती चली गई। इसके बाद मौके पर पहुंचे चिकित्सक ने बालिका को पानीपत अथवा दिल्ली ले जाने को कहा, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। डेंगू का शिकार हुई वैष्णवी के पिता ग्राम पंचायत बराला के मजरा कुकरहेड़ी के प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा मित्र के पद पर तैनात बताए गए है। वैष्णवी दो भाइयों की इकलौती बहन थी।

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