वर्ष 2023 में भारत में 66 प्रतिशत कम दर्ज की गई मलेरिया: डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट
- हल्का बुखार, सिरदर्द और थकान को न करें ईग्नोर: साहबसिंह
छछरौली (सच कहूँ/राजेन्द्र कुमार)। Chhachhrauli News: विश्व मलेरिया दिवस पर लेदी के पीएमश्री सरकारी माडल संस्कृत सीनियर सेकेंडरी स्कूल में जागरूकता रैली निकाली गई। रैली के माध्यम से बच्चो द्वारा लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक किया गया। मलेरिया से बचने के लिए घरों के आसपास पानी इक्ट्ठा न होने दें, फ्रीज, कुलर, पानी की टंकियों को समय-समय पर साफ करते रहें जहां पानी खड़ा हो तो वहां काला तेल डालते रहेें ताकि मच्छर का लारवा न बने। स्कूल प्रबंधक साहब सिंह ने बताया कि मलेरिया से बचाव के लिए उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया है। Yamunanagar News
उन्होंने बताया कि मलेरिया, एक ऐसी बीमारी जिसने सदियों से इंसानों को परेशान किया है। यह बीमारी दुनिया भर के सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बनी हुई है, जिसका एक बड़ा बोझ भारत पर है। विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2022 के अनुसार, भारत की प्रगति उल्लेखनीय रही है। 2015 की तुलना में 2022 में मलेरिया के मामलों में 85 फीसदी की गिरावट और 83 फीसदी मौतें कम हुई। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 2023 में प्रकाशित विश्व मलेरिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में, भारत में डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में मलेरिया के 66 फीसदी मामले सामने आए। इस कार्यक्रम में प्रिंसिपल साहब सिंह, अनिल, कृष्णपाल, मनजीत सिंह, बलविन्द्र कुमार आदि उपस्थित रहे।
कैसे होती है मलेरिया की बीमारी | Yamunanagar News
मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जो कुछ प्रकार के मच्छरों द्वारा मनुष्यों में फैलती है। यह ज्यादातर उष्णकटिबंधीय देशों में पाई जाती है। इसे रोका जा सकता है और इसका ईलाज किया जा सकता है। यह संक्रमण एक परजीवी के कारण होता है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। इसके लक्षण हल्के या जानलेवा हो सकते हैं। हल्के लक्षण बुखार, ठंड लगना और सिरदर्द हैं। गंभीर लक्षणों में थकान, दौरे और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं।
समय पर ईलाज न मिलने पर घातक साबित होता है मलेरिया
मलेरिया ज्यादातर संक्रमित मादा एनोफेलीज मच्छरों के काटने से लोगों में फैलता है। रक्त संचार और दूषित सुइयों से भी मलेरिया फैल सकता है। शुरूआती लक्षण हल्के हो सकते हैं, कई ज्वर संबंधी बीमारियों के समान और मलेरिया के रूप में पहचानना मुश्किल हो सकता है। अगर इलाज न किया जाए, तो पी. फाल्सीपेरम मलेरिया 24 घंटे के भीतर गंभीर बीमारी और मौत का रूप ले सकता है। Yamunanagar News
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